गया (Bihar News) . : कुछ दिन पहले उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने भारतीय युवतियों के फटी जिंस पहनने को लेकर यह बयान दिया था कि यह भारतीय संस्कार में नहीं है और ऐसे लोगों में संस्कार की कमी होती है। तीरथ सिंह रावत के इस बयान को लेकर देश भर में रिप्ड जिंस को लेकर बहस शुरू हो गई थी और उत्तराखंड के सीएम को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। अब भारतीय संस्कार को लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ऐसा ही कुछ बयान दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि आज के बच्चे पूरी तरह से पश्चिमी रंग-ढंग को अपना रहे हैं और वह बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लेना भूल गए हैं।
दरअसल, बिहार दिवस के उपलक्ष्य में गौतम विकास क्लब बेलघोघर के द्वारा मगही भाषा में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और बाराचट्टी विधानसभा के वर्तमान विधायक ज्योति देवी ,मगध विश्वविद्यालय के मगही भाषा के विभागाध्यक्ष मौजूद थे। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पहले बच्चे पैर छूकर बड़ों का आशीर्वाद लेते थे पर आज विदेशी भाषा के इस दौर में यह सब संस्कार भूल गए हैं। जो कहीं न कहीं गलत है। इस दौरान मगही भाषा के विकास , संस्कारों एवं नारी सशक्तिकरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अब मगही के शुभ दिन आने वाले हैं। हमारे पूर्वज नदी पेड़ पहाड़ की पूजा क्यों करते थे इसके महत्व का वर्णन करते हुए सभ्यता को लेकर कहा कि इसमें देश की संस्कार झलकता है।
मगही भाषा के इस्तेमार पर दिया जोर
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मगध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भरत प्रसाद सिंह ने बताया कि मगही को सिर्फ बाराचट्टी में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में इसका विकास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी के समय में भी मगही भाषा का प्रयोग होता था।
बता दें जीतन राम मांझी अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं इससे पहले भी कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं, जो काफी विवादों में रहे हैं.