CHHAPRA: राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर छपरा में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहर के नगरपालिका चौक स्थित एक निजी स्कूल के प्रांगण में कराटे बेल्ट ग्रेडिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें प्रतिभागियों को उनके मेघा के हिसाब से बेल्ट प्रदान किए गए।
कराटे के बारे में ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि यह सेल्फ-डिफेंस के लिए बेहतरीन है। हालांकि कराटे की महत्ता इससे कहीं ज्यादा है। यह अन्य खेलों की तरह ही आपको चुस्त-दुरुस्त रखता है, और शरीर सहित दिमाग फिट रहता है। कराटे में दक्षता की पहचान विभिन्न रंगो की बेल्ट से होती है। एक तो पहली बैल्ट जिसे हम सफ़ेद बेल्ट कहते हैं। जो कि शुरूआती प्रशिक्षण में पहनी जाती है। आपको बताते चलें की व्हाइट बेल्ट ही एक ऐसी बैल्ट है जिसे पहनने का गौरव सबसे ज्यादा लोगों को प्राप्त होता है। उसके बाद दूसरी येलो बेल्ट होती है।इसे पहनने का मौका उन्हें मिलता है, जो कुछ हद तक मार्शल आर्ट में दक्ष हो जाते हैं। उसके बाद तीसरी बेल्ट है ब्लैक बेल्ट, जिसके बारे में जानने वाले लोग बहुत तादाद में हैं, लेकिन इसे प्राप्त करने वालों का प्रतिशत काफी कम है। क्यों कि मार्शल आर्ट में ब्लैक बैल्ट प्राप्त करना लोहे के चने चबाने जैसा है।
इसी को लेकर छपरा के नगरपालिका चौक में बेल्ट ग्रेडिंग कार्यक्रम आयोजित हुआ। जहां दक्षता के हिसाब से सेसई दीपक कुमार और अनिल कार्की ने उपस्थित अतिथियों से ग्रेडिंग का बेल्ट बच्चों को प्रदान करवाया।