PATNA: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 3 अक्टूबर को बिहार के चिकित्सकों के साथ संवाद स्थापित करने वाले हैं। यह कार्यक्रम राजद कार्यालय में सुबह 11 बजे से आयोजित होना निश्चित हुआ है। इसको लेकर उन्होनें बकायदा ट्वीट किया है और इस संबंध में जानकारी दी है। उनका कहा है कि एक युवा राजनेता के रूप में चिकित्सकों को जो भी उनसे कहना होगा, जो भी उनसे आशाएं होंगी, वो उन्हें भी सहजता से उनके समक्ष रख पाएँगे, कह पाएँगे, विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर भी अपने विचार रख पाएँगे।
Eagerly looking forward to interacting with the doctors of Bihar, to have a sense of difficulties that medical practitioners & students face here, how abject medical infra & facilities in the state can be improved, how it can be made more accessible & equipped and so on.. pic.twitter.com/kGuFAvQXXW
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 1, 2021
आगे नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि महँगी दवा, ज़मीन पर लेटे मरीज़, परेशान परिजन, तड़प तड़प कर मरते बच्चे, ऑक्सीजन के लिए मची आपाधापी, ब्लैक में कई गुणा महँगे बिकती दवाई और इंजेक्शन, बिना PPE किट, N95 मास्क के कोरोना संकट में काम करने को मजबूर डॉक्टर, प्रदर्शन करते मेडिकल छात्र, अस्पताल कर्मी व नर्स; कोरोना हो या चमकी, बिहार के अस्पतालों की यही तस्वीर बार-बार सबके सामने आती है। विडंबना ही है कि यह उस राज्य की कहानी है जहाँ की सरकार लगातार 16 सालों से सुशासन का राग अलाप रही है।
बिहार के स्वास्थ्य विभाग की समस्याएँ हज़ार हैं, उससे जुड़े कर्मियों, डॉक्टरों और टेक्नीशियनों की समस्याएँ हज़ारों हैं, और यह सभी समस्याएँ आम नागरिकों को सीधे प्रभावित करती हैं। इसीलिए किसी भी संवेदनशील राजनेता या राजनीतिक दल के लिए अत्यावश्यक यह है कि वह स्वास्थ्य विभाग की हर कमी, नाकामी, डॉक्टरों स्वास्थ्यकर्मियों और मरीज़ों की हर समस्याओं को समझे, उसकी तह तक जाए! इसी उद्देश्य से तेजस्वी यादव ने बिहार के डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श के लिए एक भेंटवार्ता 3 अक्टूबर को निर्धारित की है।
इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं को कैसे जन जन तक पहुँचाया जाए, सरकारी अस्पतालों को कैसे सुविधासम्पन्न और तत्पर बनाया जाए, निजी अस्पतालों को किस प्रकार ग़रीब नागरिकों की पहुँच में किया जाए, दवाओं और स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाओं के मूल्य को किस प्रकार कम किया जाए, बिहार के मेडिकल विद्यार्थियों को बिहार में शिक्षा ग्रहण करने और नौकरी प्राप्त करने में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बिहार के मेडिकल कॉलेज समय के साथ कितना आगे बढ़ पाए हैं, स्वास्थ्य को लेकर कैसे सरकार को गंभीर बनाया जाए इत्यादि जानना इस भेंटवार्ता के मुख्य लक्ष्य होंगे। साथ ही जो भी डॉक्टर राष्ट्रीय जनता दल के सामाजिक व राजनीतिक मंच को माध्यम बनाकर प्रदेश के लोगों की विभिन्न प्रकार से सेवा को इच्छुक होंगे वो राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता भी ग्रहण कर सकेंगे।