PATNA : अमिताभ बच्चन का एक प्रसिद्ध गाना है खईके पान बनारस वाला लेकिन अब मगहिया पान से अंग्रेजों का मुंह लाल होगा। गौरतलब है कि मघई पान से ही बनारसी पान बनता है मगहीया पान की पहुंच अब विदेशों तक होने जा रही है जी हां अब गोरे भी मगहिया पान का स्वाद चख सकेंगे। मगहि पान अब विदेशों में पहचान बनानी शुरू कर दी है। मगही पान के निर्यात में रुचि दिखाई है।
केंद्रीय मंत्री ने दिखाई रुचि
मगहिया पान को पहचान दिलाने की कवायद जब बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने शुरू की तो केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने भी इसमें रूचि दिखाते हुए इसे एपीडा की सूची में डाल दिया। बता दें कि जैसे ही बिहार के मगही पान को जीआई टैग मिला तो सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इसका डिमांड बढ़ गया। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री के द्वारा एपीडा की सूची में डालने के बाद कोलकाता के निर्यातक कंपनी ने रुचि दिखाते हुए इसे ब्रिटेन और अमेरिका में निर्यात करने की योजना बनाई है ।बताया जा रहा है कि उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी के बाद इसे अरब देशों में भी निर्यात किया जाएगा।
राज्य सरकार को लेना होगा वायरस फ्री होने का प्रमाण पत्र
बता दें कि विदेशों में निर्यात के लिए राज्य सरकार को पान की जांच करवानी होगी। इसके लिये सोलोमोनेला वायरस की जांच करवानी होगी। पान के निर्यात के लिए यह जांच काफी जरूरी है। हालांकि जांच की व्यवस्था बिहार में नहीं बल्कि दिल्ली के गुड़गांव में है। गौरतलब है कि बिहार के पड़ोसी राज्य बंगाल से पान का निर्यात पहले भी होता रहा है। बंगाल के पान में सालमोनेला वायरस पाए जाने के बाद अब निर्यातकों की नजर बिहार पर है।
बनारसी पान भी मगही पान से ही बनता है
भले ही अमिताभ बच्चन ने गाना गया है खईके पान बनारस वाला लेकिन बता दें कि बनारसी पान मगही पान से ही बनाया जाता है। बिहार का मगही पान बनारस आता है वहां उसे प्रोसेस करके बनारसी पान बनाया जाता है। वैज्ञानिक शिवनाथ दास के मुताबिक मगही पान को प्रोसेस कर उसका क्लोरोफिल हटाया जाता है ।जिससे उसका रंग सफेद हो जाता है ।साथ में उसे स्टोरेज करने की क्षमता भी 20 दिनों तक बढ़ जाती है और वही फिर बाद में बनारसी पान हो जाता है।
700 करोड़ रुपये का पान होता है निर्यात
लगभग 5 हजार हेक्टेयर में मगही पान की खेती की जाती है। जानकारी के मुताबिक 3 लाख पान के पत्ते एक हेक्टेयर में होते हैं । पान के व्यवसाय से 20 लाख लोग जुड़े हुए हैं। फिलहाल इसका कारोबार 700 करोड़ रुपए का है, जिसमें मुख्य रूप से मगही पान का उत्पाद बिहार के मुंगेर ,सिवान, बेगूसराय ,सारण, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, भागलपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, खगड़िया, वैशाली, मधुबनी गया नवादा वह नालंदा में होता है।
वंदना शर्मा की रिपोर्ट