CHHAPRA : उस समय क्या स्थिति होगी, जब गांव में शादी का समारोह चल रहा हो। लोग विवाह की खुशियों में शामिल हो रहे होंगे, तभी जान की आफत बनकर आई बाढ़ पूरे गांव को अपनी चपेट में ले ले। और नए जोड़े की शादी की शुरुआत ही बाढ़ के साथ हो। शादी और बाढ़ का यह अनोखा मामला बिहार के सारण जिले से सामने आया है। यहां के तरैया प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र के सगुनी-रामपुररुद्र 61 गांव में गुरुवार शाम बारात आई थी। अचानक रात में गंडक नदी का पानी फैलने से बाढ़ जैसे हालात हो गए। तब शुक्रवार की सुबह नाव से दूल्हा-दुल्हन की विदाई की गई।
बताया गया कि गांव के दिलीप सहनी की पुत्री की शादी थी। मशरक के चैनपुर चरिहारा से बरात आई थी। तब तक सबकुछ ठीक था। रात में भोजन करने के बाद कुछ बराती लौट भी गए। किसी को अंदाजा भी नहीं था शादी में शामिल होना मुसीबत बन जाएगा इधर शादी की रस्म अदायगी हो रही थी। उधर नदी का पानी गांव में फैलने लगा था। पानी फैलने की खबर मिलते ही शादी की प्रक्रिया तेजी से निपटाई गई। तब तक पानी काफी बढ़ गया था। गांव में पानी फैल चुका था।
लड़की के पिता ने बताया कि बरातियों के स्वागत और भोजन तक पानी नहीं आया था। लेकिन देर रात पानी अचानक गांव में प्रवेश कर गया। सुबह तक ऐसी स्थिति हो गई कि गाड़ी निकल नहीं सकती थी। तब नाव से ही दूल्हा-दुल्हन और कुछ बरातियों को विदा किया गया।
कई गांव में ऐसी ही स्थिति
बाढ़ के कारण शादी में परेशानी का यह पहला मामला नहीं है. बताया जा रहा है राज्य में ऐसे कई गांव हैं, जहां इस तरह की समस्या सामने आ रही है। जहां शादी में बाढ़ बाधा बन गई है। अब शादी के इंतजार में बैठे लोग शायद अपनी किस्मत पर रो रहे हैं कि पहले कोरोना ने उनकी शादी में अड़ंगा लगा दिया, अब बाढ़ ने रास्ता बंद कर दिया है।