पटना: धोरैया विधानसभा सीट से राजद के विधायक भूदेव चौधरी को जीत के बाद भी मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं। दरअसल मामला पुराने केस को छुपाने से जुड़ा है। जिस पर उनकी मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ सकती हैं।
कोर्ट ने लिया संज्ञान
दरअसल चुनावी हलफनामा में कोई सूचना छिपाए जाने पर कोर्ट द्वारा ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें सदस्यता रद्द कर दी गयी है। इसी उम्मीद में विधानसभा चुनाव में धोरैया से जदयू से पराजित प्रत्याशी मनीष कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज कराया गया और कोर्ट द्वारा इस मसले पर संज्ञान भी लिया गया।
छुपाया गया भागलपुर का मामला
मिली जानकारी के अनुसार भूदेव चौधरी द्वारा भागलपुर न्यायालय में चल रहे विचाराधीन मामले को छुपाया गया है। जबरन जमीन हड़प कर कब्जा करने के केस संख्या 468/15 मोजाहीदपुर थाने में लंबित रहने के बावजूद इसको हलफनामा में नहीं दर्शाना विधायक के लिए चिंता का विषय बन गया है। इधर मनीष कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किये गये केस की सुनवाई जस्टिस नरीमन के बेंच में है तथा इसकी सुनवाई की तिथि 12 जुलाई निर्धारित की गयी है और कोर्ट द्वारा भेजे गये नोटिस का जवाब देने की अंतिम तिथि एक जुलाई तक है।
नहीं स्वीकार किया गया नोटिस
विश्वस्त सूत्रों की माने तो भूदेव चौधरी द्वारा नोटिस स्वीकार ही नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की नोटिस के हलफनामे में दर्ज आवासीय पता गांव तगेपुर है जो जगदीशपुर पोस्ट ऑफिस के तहत है। वहां से आये नोटिस को स्वीकार नहीं किये जाने पर कोर्ट द्वारा पुन: चार जून को इसी पते पर नोटिस भेजा गया है।
कोर्ट में दिया गया हवाला, जानबूझ कर छुपाया मामला
कोर्ट में यह हवाला दिया गया है कि केस को जानबूझ कर इसलिए छुपाया गया क्योंकि उन्हें डर है कि इस केस के उजागर हो जाने से केस करने वाले पीड़ित जाति का मत भूदेव चौधरी को नहीं मिल पाता। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के अलावा रजौन निवासी बमबम चौधरी द्वारा पटना उच्च न्यायालय में भी केस दर्ज कराया गया है लेकिन कोरोना महामारी के कारण सात मई 2021 वाली निर्धारित सुनवाई की तिथि को बहस नहीं हो सकी। अब अगली तिथि को बमबम चौधरी को भी इंतजार है। बहरहाल अब देखना यह है कि इस कानूनी दांवपेंच में गेंद किस पाले में गिरेगा और किसकी जीत होगी लेकिन नोटिस जारी होने के बाद सियासी क्षेत्र में भूचाल तो आ ही गया है।