PATNA: बिहार में इन दिनों राम के नाम पर सियासत जारी है। पूर्व सीएम और हम के मुखिया जीतन राम मांझी ने बीते दिन भगवान श्रीराम के लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होनें कह दिया कि वह भगवान श्रीराम को नहीं मानते। इसके अलावा रामायण में भी कई अशुद्धियां गिना दी। इसके बाद से राम केनाम पर सियासी उठापटक जारी है। इसी को लेकर बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय का कहना है कि हर किसी का अपना विचार हो सकता है।
मांझी पर क्या कहते हैं मंत्री रामसूरत राय
जीतन राम मांझी के राम के अस्तित्व पर सवाल करने पर दिया मंत्री ने कहा कि सब लोगों की राय भगवान के आस्था पर अलग-अलग होती हैं। बीजेपी पार्टी से राम को आराध्य मानती है। आज हो या आगे भी हमेशा आराध्य राम ही रहेंगे। जीतन राम मांझी की सोच अलग हो सकती है। बीजेपी हम के पार्टनर के रूप में राजनीति कर रही है, मगर हम उनके जिम्मेवार नहीं है। वह क्या कहते हैं, क्या सोचते हैं, इसकी जिम्मेवारी NDA या बीजेपी नहीं ले सकती। यह उनके निजी विचार है। वहीं रामायण को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर मंत्री रामसूरत ने कहा कि यह पूरी तरह से सरकार का फैसला होगा।
घुसपैठियों पर फिर बरसे मंत्री महोदय
विदित हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री पहले भी घुसपैठियों को लेकर विवादास्पद टिप्पणी कर चुके हैं। एक बार फिर बीजेपी के सहयोग कार्यक्रम में उन्होनें अपने पुराने बयान दोहराते हुए कहा कि हमारे राज्य में, देश में, देश की जो सीमा है, उसके अंदर घुसपैठी ना आएं। हमारी जमीन, हमारी कमाई घुसपैठी ना हड़पें, इसका हमें ध्यान रखना चाहिए। घुसपैठी हमारे गरीब लोगों की जमीन बहना फुसला कर ना लें ले, इसपर ध्यान देना हमसब का कर्त्तव्य है।
इसके अलावा जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी का बयान था कि जब मंत्री रामसूरत राय खुद इस वक्त सत्ता में है, तो वह घुसपैठियों का डाटा जारी क्यों नहीं करते हैं। इसपर आज मंत्री ने उन्हें करारा जवाब देते हुए कहा कि सब बात का डाटा जारी नहीं होता है। होगा भी तो समय आने पर जारी किया जाएगा। समय आने पर बताया जाएगा।