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BIHAR NEWS: 10 हजार से ज्यादा की आबादी बंद उप स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे, इलाज के लिए लोग 20 किमी के सफर को मजबूर

BIHAR NEWS: 10 हजार से ज्यादा की आबादी बंद उप स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे, इलाज के लिए लोग 20 किमी के सफर को मजबूर

AURANGABAD: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की लगातार पोल खुल रही है। इसी कड़ी में औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड के बहादुरपुर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की सच्चाई बीमार है। बीमार उप स्वास्थ्य केंद्र पर आश्रित गांव वाले भी मजबूर होकर कई किलोमीटर दूर जाकर इलाज भी सामने आयी है। यहां का उप स्वास्थ्य केंद्र बाहर से दिखने में जितना चकाचक है, अंदर से उनता ही कराने जाते हैं।

बहादुरपुर के उप स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन NRHM के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना दिया गया है। ऊपरी तौर पर इस स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीरे बेहद अच्छी लगती है पर यह सब बातें महज दिखावटी हैं। यह स्वास्थ्य केंद्र चकाचक होने के बाद भी पिछले 15 सालों से बंद है। कोरोना महामारी भी इस उप स्वास्थ्य केंद्र को खुलवा नहीं सकी। इस अस्पताल में डॉक्टर की उपस्थिति नहीं है। हद तो यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस इलाके के 13 गांवों की लगभग 10 हजार 800 की आबादी इस स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है, लेकिन इसके बंद रहने से ग्रामीणों को इलाज के लिए 20 किलोमीटर दूरी तय कर रफीगंज जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि 15 साल पहले बहादुरपुर गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण करवाया गया था। 15 साल बाद, अभी तक वहां पर न तो एक भी डॉक्टर ही बहाल किए गए हैं और न ही उसकी देखभाल करने वाला कोई है।

गांव में सिर्फ गर्भवती महिलाओ की जांच और टीकाकरण करने के लिए ही महीने में एक दो बार महिला स्वास्थ्य कर्मी आया करती हैं। बहादुरपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में समुचित इलाज नहीं होने के कारण पंचायत के 13 गांव कुटकुरी गंधरत, मुजांडी, दनई, इंदरार, बौर फदरपुरा ,प्रेम बिगहा, बिशुनपुर, पड़रिया, सकीरगंज ,बहादुरपुर और देवी बिगहा के लोगों को इलाज के लिए रफीगंज जाना पड़ता है। इन सभी गांव की आबादी लगभग 10800 है। इतनी बड़ी संख्या में लोग उप स्वास्थ्य केंद्र के होते हुए स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही औऱ अनदेखी के शिकार हो रहे हैं।

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