BHAGALPUR: आईएमए के आवाहन पर भागलपुर जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने विरोध दिवस मनाया। आईएमए के आह्वान पर चिकित्सक के द्वारा विरोध मार्च भी निकाला गया। आपको बता दे की इस वैश्विक करोना महामारी में डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बगैर पीड़ित लोगों तक सेवा पहुंचाते रहे लेकिन शहर के कुछ उपद्रवियों द्वारा डॉक्टरों के खिलाफ लोगों तक गलत संदेश पहुंचा रहे हैं साथ ही चिकित्सकों पर हिंसक वारदातें हैं की गई। वहां के डॉक्टर जो आई एम ए के अध्यक्ष हैं उनका कहना हुआ यह काफी निंदनीय है।
इसी का विरोध जताते हुए राष्ट्रीय आई एम ए के आवाहन पर पूरे देश में विरोध दिवस मनाया जा रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना में किसी डॉक्टर ने एक भी दिन छुट्टी नहीं ली, हर समय मरीजों की सेवा में अपना समय देते रहे फिर भी कुछ असामाजिक तत्वों जैसे लोगों के चलते डॉक्टर पर बार-बार आघात किया जाना गलत तरीके से पेश आना, यह अब सहन नहीं होगा। जो भी असामाजिक तत्व इस तरह की अवधारणा से अस्पताल आते हैं या डॉक्टर के साथ गलत तरीके से व्यवहार करते हैं उन्हें 10 साल की कठोर से कठोर सजा मिले। जिसको लेकर शुक्रवार को आई एम ए के आह्वान पर विरोध मार्च निकाला। डॉक्टरों ने बताया कि अगर लोग इसी तरह गलत संदेश पहुंचाते रहे और वर्तमान सरकार हमारी कोई बातें नहीं मानती हैं और साथ ही जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो हम सभी चिकित्सक मिलकर प्राइवेट और सरकारी अस्पताल को हड़ताल कर सरकार को चिकित्सक की ताकत क्या होती है दिखा देंगे, फिर भी हमारी बात सरकार नहीं मानी तो पूर्णरूप से शटडाउन कर देंगे। इसलिए इस मामले पर सरकार जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करें साथ ही जिला प्रशासन समय रहते हुए कार्रवाई करें।
वहीं दूसरी तरफ डॉ हेमशंकर शर्मा ने भी ओपीडी को बंद कर नाराजगी जताई है। उनका कहना है योग गुरु रामदेव बाबा ने जो कहा है कि आयुर्वेद ही सब कुछ है। अंग्रेजी दवा से दूर रहें। इस पर भी कटाक्ष करते हुए हेमशंकर शर्मा ने कहा सबसे पहले फ्रंटलाइन वारियर्स के रूप में डॉक्टर ही सामने आते हैं। इसी दवाई से, इसी वैक्सीन से सभी को ठीक भी किया जा रहा है। रामदेव बाबा के इस बयान बाजी पर भी सरकार कार्रवाई करें।