PATNA/DARBHANGA : बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के नाम पर पिछले कुछ सालों में किस तरह के काम हुए हैं, इसकी असलियत एक बार फिर से सामने आ गई है। मामला दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल से जुड़ा हुआ है। जहां के औषधि विभाग के अध्यक्ष ने खुद को पद मुक्त करने की मांग मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से की है। पद से हटाने के लिए उन्होंने जो कारण बताए हैं, वह बिहार में इस महामारी में खराब स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई बयां करती है।
विभागाध्यक्ष ने प्राचार्य के नाम लिखे पत्र में बताया है कि औषधि विभाग में कोरोना के लेकर आपातकाल जैसी स्थिति है। सैकड़ों मरीज वार्ट में या तो कोरोना से या दूसरी बीमारी से ग्रसित होकर पड़े रहते हैं। उन्होंने बताया कि अपने सीमित अधिकार व संसाधन के तहत विभाग के सारे चिकित्सकों, पीजी छात्रों व अन्य कर्मियों को उनकी कार्यक्षमता के अनुरुप काम पर लगाया जाता है। फिर भी डीएम व अन्य श्रोतों से मेरे कार्यक्षमता पर सवाल उठाया जाता है। विभागाध्यक्ष ने कहा कि इस महामारी व आपातकाल में ऑक्सीजन की सप्लाई एवं मैनपावर उपलब्ध कराना अस्पताल अधीक्षक का काम होता है, परंतु इसके लिए मुझे दोषी ठहराया जा रहा है। जबकि इन सब कार्य के लिए अधीक्षक और कॉलेज के प्राचार्य को मंजूरी जरुरी होती है।
ऑक्सीजन की सप्लाई से मेरा संबंध नहीं
अस्पताल की लचर व्यवस्था का ठिकरा उन्होंने कॉलेज के एमएस और डीन पर फोड़ते हुए कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने के लिए वह ही बता सकते हैं, इस पर मेरा कोई अधिकार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि बीते छह मई को विभाग में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई और मुझे लगा कि ऑक्सीजन के बिना मरीजों की मौत हो सकती है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों को तत्काल त्राहिमाम संदेश भेजा गया। उप विकास आयुक्त को फोन पर जानकारी दी गई और कहा कि कोविड वार्ड में तत्काल ऑक्सीजन की जरुरत है। इस समस्या का समाधान निकाला जाए। जिसके बाद इसकी आपूर्ति की गई।
हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति बार बार उत्पन्न हो रही है। इसका कोई सार्थक हल नहीं निकल सका है। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से मांग की है कि औषधि विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त कर किसी सक्षम व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंप दी जाए।
Would @NitishKumar Ji ever come out of denial? NMCH director had offered to quit and now head of DMCH has also raised alarm for lack of resources & offered to resign.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 7, 2021
The health minister is a complete disaster and has no rights to continue. Sack him ASAP. #ResignMangalPandey pic.twitter.com/C9BheBk0z0
तेजस्वी ने उठाए सवाल
जिस तरह से डीएमसीएच के एक एचओडी का लेटर सामने आया है। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को एक बार फिर से सरकार के काम पर सवाल उठाने का मौका मिल गया है। उन्होंने इस लेटर की तुलना एनएमसीएच के निदेशक द्वारा पद छोड़ने की मांग से करते हुए कहा कि अब दूसरे अधिकारी भी बिहार की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को समझ चुके हैं। तेजस्वी यादव ने इस पूरी आपदा के लिए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें पद छोड़ने की मांग कर दी है।