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BIHAR NEWS: पारंपरिक गीत और पूरे विधि-विधान के साथ धान रोपनी की शुरूआत, पैक्स अध्यक्ष भी ग्रामीणों के साथ हुए शामिल

BIHAR NEWS: पारंपरिक गीत और पूरे विधि-विधान के साथ धान रोपनी की शुरूआत, पैक्स अध्यक्ष भी ग्रामीणों के साथ हुए शामिल

AURANGABAD: हमारे देश में किसी भी काम की शुरूआत के लिए पहले नक्षत्र और दिन देखे जाते हैं। शुभ मुहूर्त, लग्न और नक्षत्र देखकर ही काम की शुरूआत की जाती है। कुछ ऐसा ही किसानों के साथ भी है। आर्द्रा नक्षत्र के प्रवेश करते ही किसान धान रोपनी की शुरुआत में जुट चुके है। अच्छे नक्षत्र को देखकर औरंगाबाद के किसान भी अपने खेतों में पहुंच गए हैं और धान रोपनी शुरू कर दी है।

भारत में किसान भी फसल रोपनी औऱ कटाई से पहले नक्षत्र देखना शुभ मानते हैं। औरंगाबाद के किसानों ने रोहणी नक्षत्र में धान का बीचड़ा डाला था। अब आर्द्रा नक्षत्र के आते-आते बीचड़ा पुष्ट होकर रोपनी के योग्य हो गया है। इसी को लेकर सुबह सवेरे किसान पूरे परिवार के साथ अपने खेत में पहुंच गए और इष्ट देव सहित भगवान को याद कर, वैदिक मंत्रोच्चार सहित पारंपरिक गीत गाते हुए धान रोपने की शुरूआत की। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरह से महिलाएं पूजा-पाठ सहित पूरे विधि-विधान से कार्यक्रम की शुरूआत करती हैं और बाद में खुद भी खेतों में उतरकर धान रोपना शुरू करती हैं।


इस मौके पर सदर प्रखंड के पोईवां गांव के पैक्स अध्यक्ष एवं बिहार विभूति के भतीजे कौशलेंद्र प्रताप नारायण सिंह ने आज अपने खेत में पहिरोपना की शुरुआत की। पहिरोपना की शुरुआत के दौरान खेत की क्यारी में भगवान गणेश, भगवान इंद्र, माता लक्ष्मी एवं माता अन्नपूर्णा की पूजा पूरे विधि विधान इन मंत्रोच्चार के साथ की गई। ऐसा कर भगवान से धान रोपनी के बाद पैदावार अच्छी होने की गुजारिश की गई। साथ ही किसानों ने मन्नत मांगी कि इस साल उनके के घर अनाज का अच्छा भंडारण हो। पूजा पाठ के बाद मांगलिक गीतों के साथ रोपनी का कार्य आरंभ हो गया। धान रोपनी की क्रिया को किसान एक त्योहार की तरह ही मनाते है। रोपनी के दौरान किसान के द्वारा अपने सगे संबंधी, इष्ट मित्र एवं पड़ोसियों को जलपान कराया जाता है।

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