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BIHAR NEWS: रेलवे का बड़हिया से पक्षपातपूर्ण रवैया अनुचित, 6 दिनों के अनशन के बाद भी नहीं रुकी ट्रेनें, अब ग्रामीण करेंगे हल्ला बोल

BIHAR NEWS: रेलवे का बड़हिया से पक्षपातपूर्ण रवैया अनुचित, 6 दिनों के अनशन के बाद भी नहीं रुकी ट्रेनें, अब ग्रामीण करेंगे हल्ला बोल

LAKHISARAI: रेल ठहराव की समस्याओं से जूझ रहे नगर व प्रखंडवासियों ने अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत बुधवार से काला सप्ताह का आगाज किया। रेल संघर्ष समिति बड़हिया के बैनर तले लोगों ने नगर के लोहिया चौक पर सामूहिक प्रदर्शन किया। काले झंडे के साथ लोगों ने रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना रोष व्यक्त किया। कार्यक्रम का नेतृत्व समिति सदस्य संजीव कुमार ने किया। बाजार के सभीछोटे बड़े दुकानों, चौक चौराहों और सड़क किनारे स्थित बिजली के खम्भों पर काले झंडे लगाए गए।

मनाया जा रहा काला सप्ताह

मीडिया से मुखातिब होते हुए नेतृत्वकर्ता संजीव कुमार ने कहा कि लोगों की राय ध्यान में रखते हुए समिति द्वारा चरणबद्ध आंदोलन के अंतर्गत 7 से 13 जुलाई तक काला सप्ताह का आयोजन किया गया है। इस अवधि के दौरान क्षेत्र के प्रतिनिधि जन-जन से जुड़े रेल समस्याओं को लेकर गंभीर अथवा मुखर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन होना स्वाभाविक है। हालांकि इस संबंध में फिलहाल जनप्रतिनिधियों से संपर्क नहीं किया जा सका है। यदि जनप्रतिनिधि ग्रामीणों का साथ नहीं देते हैं तो आगे उनका गांव में प्रवेश निषेध कर दिया जाएगा।

क्रांति दिवस को होगा रेल का चक्का जाम

आंदोलन के अगले कार्रवाई की जानकारी देते हुए काला सप्ताह के समापन उपरांत एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिए जाने की बात कही गई। सांकेतिक व चेतावनी धरना से भी बात नहीं बनने की हालत में आगामी 9 अगस्त के क्रांति दिवस के साथ ही आंदोलन की रुपरेखा उग्र रूप धारण करने को विवश होगी। जिसके तहत हम सभी सुविधा से वंचित नगर व प्रखंडवासी घरों से निकलकर रेल की पटरी पर बैठने का काम करेंगे।

मानवाधिकार जिलाध्यक्ष का पक्ष

पिंटू सिंह ने कहा कि काला सप्ताह मनाने का उद्देश्य है कि कोरोना काल में ट्रेनों के पटरी पर लौटने के बाद बड़हिया स्टेशन से पूर्व में हो रही ट्रेनों का ठहराव छीन लिया गया। जबकि अन्य स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव पूर्ववत है। ट्रेनों का ठहराव हटा दिए जाने से क्षेत्र के लोगों को मजबूरन हाथीदह एवं लखीसराय से ट्रेन पकड़ने के लिए बाध्य हैं। रेलवे द्वारा बड़हिया के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल्द ही ट्रेनों का ठहराव पूर्ववत नहीं किए जाने की स्थिति में उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

पूर्व में भी किया था 6 दिनों का अनशन

रेल यातायात की सुविधाओं से दिन प्रतिदिन दूर होने की स्थिति में प्रखंड क्षेत्र के छह लोगों के द्वारा बीते दिनों छह दिनों का आमरण अनशन भी किया गया था। बाजार बंद व केंडल मार्च के अभूतपूर्व प्रदर्शन के उपरांत जिलाधिकारी के आश्वासन पर अनशन समाप्त किया गया था। आश्वासन उपरांत सुविधा के नाम पर मात्र एक पैसेंजर ट्रेन का ठहराव प्रखंड के गंगासराय और डुमरी स्टेशन पर उपलब्ध हो सका था। अन्य ट्रेनों की सुविधाएं नहीं मिल पाने की स्थिति में अनशनकारी आज भी खुद को ठगा महसूस करने को मजबूर हैं।


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