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प्रदेश के 350 से अधिक बिल्डरों पर गिरेगी रेरा की गाज, यह बताया जा रहा है कारण

प्रदेश के 350 से अधिक बिल्डरों पर गिरेगी रेरा की गाज, यह बताया जा रहा है कारण

PATNA : पिछले कुछ दिनों रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Real Estate Regulatory Authority) यानी रेरा बिल्डरों के काम को लेकर पूर फॉर्म में नजर आ रही है। जहां पटना में एक के बाद एक लगातार बिल्डरों पर कार्रवाई की जा रही है, वहीं अब राज्य के दूसरे जिलों के बिल्डरों के काम को लेकर भी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Real Estate Regulatory Authority) यानी रेरा गंभीर नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में राज्य के 350 से अधिक बिल्डरों पर रेरा कार्रवाई कर सकती है।

बताया गया कि इन बिल्डरों ने यानी रेरा को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अपने प्रोजेक्ट और कंपनी के खर्चे का ब्यौरा नहीं दिया है. राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया जैसे शहरों में करीब 700 रियल एस्टेट कंपनियां हैं. रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने इन्हें 31 मार्च तक बैलेंस शीट के अलावा ऑडिट स्टेटमेंट रिपोर्ट (Audit Statement Report) जमा करने का निर्देश दिया था. लेकिन रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की माने तो लगभग 300 कंपनियों द्वारा ही निश्चित समय पर हिसाब दिया गया है. 350 से अधिक कंपनियों और बिल्डरों ने किसी भी तरह की कोई जानकारी अब तक नहीं दी है.

नियम के खिलाफ काम करते हैं बिल्डर

रेरा द्वारा यह नियम बनाया गया था कि कंपनियां और बिल्डर एक प्रोजेक्ट के लिए एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल करें. रेरा द्वारा यह भी निर्धारित किया गया है कि उपभोक्ता जिस प्रोजेक्ट के लिए पैसे दे रहे हैं उस पैसे का इस्तेमाल उसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए किया जाए. बिल्डरों और रियल एस्टेट कंपनियों को इसी बात की जानकारी देनी थी कि उनके प्रोजेक्ट का काम तय समय पर हो गया है या फिर नहीं हुआ. उन्हें इस बात की भी जानकारी देनी थी कि किस प्रोजेक्ट में कितनी राशि इन्वेस्ट किया गया है और अगर प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है तो वह कितने दिनों में पूरा हो जाएगा.

ग्राहकों का पैसा करते हैं दूसरी जगह इन्वेस्ट

यह बात भी सामने आई है कि रेरा को बड़ी संख्या में शिकायत मिली थी की रियल एस्टेट कंपनियां हो या फिर बिल्डर फ्लैट्स की बुकिंग कर प्रोजेक्ट के नाम पर पैसा तो ले लेते हैं मगर उस प्रोजेक्ट का काम रोक कर दूसरे प्रोजेक्ट में सारे पैसे को इन्वेस्ट कर देते हैं.

देना होगा इतना जुर्माना
 जानकारी नहीं देने के एवज में हर रियल एस्टेट कंपनियों को रेरा के नियमों के अनुसार प्रतिदिन 1000 रुपए की दर से  जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है. इस कंपनी में बिल्डर द्वारा जितनी देर से हिसाब दिया जाएगा उतना ही ज्यादा उन्हें जुर्माने की राशि अदा करनी होगी. फिलहाल ऐसी कंपनियों के खिलाफ प्रारंभिक चरण में नोटिस भेजने की कार्रवाई की जा रही है. 

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