पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सोमवार की जनता दरबार में आये फरियादियों की बात सुनकर जिस प्रकार अनभिज्ञता जाहिर कर रहे थे, उससे तो यही लगता है कि पदाधिकारियों ने उन्हें गफलत में रखने का काम किया है या फिर मुख्यमंत्री अपने को अनभिज्ञ बताकर अपना चेहरा साफ कर रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि पांच वर्षों के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आंगनवाड़ी सेविकाओं को तीन वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं होने, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिलने, कागज पर हीं अस्पताल चलाने और कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मियों को सेवा से हटाये जाने जैसे मामले में मुख्यमंत्री द्वारा आश्चर्य प्रकट किया गया, उससे तो यही साबित होता है कि पदाधिकारी बगैर मुख्यमंत्री के संज्ञान के अपने स्तर से हीं फैसला कर उसे लागू करते हैं। यह काफी गंभीर मामला है और इससे विपक्ष के इस आरोप की पुष्टि हो रही है कि मुख्यमंत्री के चहेते चंद पदाधिकारी हीं सरकार चला रहे हैं और मुख्यमंत्री की भूमिका केवल मुख्यमंत्री आवास के अन्दर तक हीं सीमित कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि सोमवार को आयोजित जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमानदारी से यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उनके द्वारा विकास के जो भी दावे किये जा रहे हैं वह सब केवल कागजी और खोखली है। जमीन पर की सच्चाई इसके विपरीत है।