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BIHAR NEWS: राजद की मांग, शीघ्र पूरी हो वर्षों से लंबित शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया, आश्वासन के चार माह गुजरने के बाद भी नहीं जारी हुई काउंसलिंग की तारीख

BIHAR NEWS: राजद की मांग, शीघ्र पूरी हो वर्षों से लंबित शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया, आश्वासन के चार माह गुजरने के बाद भी नहीं जारी हुई काउंसलिंग की तारीख

पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने वर्षों से लंबित प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जनवरी माह में अनिश्चितकालीन आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया गया था कि दो दिनों में काउंसलिंग का डेट जारी कर दिया जाएगा। लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आश्वासन के लगभग चार माह गुजर जाने के बाद भी अभी तक काउंसलिंग डेट जारी नहीं किया गया है। जिसके कारण राज्य के शिक्षक अभ्यर्थी निराश एवं हताश हैं। वर्तमान सरकार चुनाव पूर्व 19 लाख रोज़गार का वादा किया था। भाजपा नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तो यहां तक कहा था कि आने वाले एक वर्षों में तीन लाख नए शिक्षकों की बहाली होगी। लेकिन वास्तविकता ये है कि तीन लाख नए शिक्षकों की बहाली तो दूर की बात है, यहां तकरीबन दो वर्षों में पुरानी भर्ती भी पूरी नहीं हो पाई। 


राजद प्रवक्ता  ने कहा कि राजद एवं अन्य विपक्षी दलों द्वारा विधानसभा में शिक्षकों की नियुक्ति सम्बंधी सवाल पूछे जाने पर  शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा था कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा पांच अप्रैल को दिव्यांग मुद्दे पर सुनवाई पूरी कर ली जाएगी ताकि वर्षों से लंबित प्राथमिक शिक्षक भर्ती यथाशीघ्र पूरा हो सके। लेकिन बेहद शर्मनाक और निंदनीय है कि विधानसभा में किये गए घोषणा के अनुरूप सरकार द्वारा शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध भी उच्च न्यायालय से नहीं किया गया। फलतः  अभी तक सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।    

 उन्होंने कहा कि  कई शिक्षक अभ्यर्थियों ने उनसे मिलकर शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानियों के बारे में बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि दर्जनों शिक्षक अभ्यर्थी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए कोरोना महामारी के शिकार हो चुके हैं। कितनों के परिवार उजड गये पर उन्हें नियुक्ति का केवल झूठा आश्वासन हीं मिला। जो भी बात कही जाती है, उस पर अमल नहीं किया जाता। हमेशा तारीख पर तारीख मिलती रही है। शिक्षा विभाग से शिक्षक अभ्यर्थियों का भरोसा उठ चुका है। यदि सही में शिक्षकों की नियुक्ति को ले कर सरकार  गंभीर है तो स्पेशल मेनशनिंग कर उच्च न्यायालय से शीघ्र  सुनवाई पूरी करने का अनुरोध की जाये। न्यायालय में सुनवाई के बाद अविलंब नियुक्ति प्रक्रिया को  तेजी से आगे बढ़ाते हुए  शिक्षकों की नियुक्ति कर यथा शीघ्र विधालयों में योगदान कराया जाये। 

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