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मोबाइल ऐप के जरिए रोकेंगे सड़क दुर्घटनाएं, छह राज्यों के बाद अब बिहार में भी लागू होगी इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट सिस्टम

मोबाइल ऐप के जरिए रोकेंगे सड़क दुर्घटनाएं, छह राज्यों के बाद अब बिहार में भी लागू होगी इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट सिस्टम

पटना। बिहार में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए अब MOBIL APP का सहारा लिया जाएगा। इस APP के जरिए दुर्घटना की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर तय किया जाएगा कि आखिर हादसा क्यों हुआ और उस आधार पर सुधार की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इस सॉफ्टवेयर को इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस कहा जाता है। 

इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस को प्रयोग के तौर पर सर्वाधिक सड़क हादसोंवाले छह राज्यों यूपी, कर्नाटक, राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र और तमिलनाडू में लागू किया गया था। 15 फरवरी से लागू इस सिस्टम का बेहतर परिणाम आया है। सिर्फ तमिलनाडू में ही सड़क दुर्घटनाओं में 40 फीसदी की कमी आई है।  जिसके बाद अब बिहार सहित देश के सभी राज्यों में भी यह व्यवस्था लागू करने को कहा गया है। केंद्र ने आगामी 30 अप्रैल तक पूरे सिस्टम को विकसित करने के निर्देश दिए हैं।

परियोजना पर काम करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग के साथ पुलिस व पथ निर्माण विभाग को दी गई है। साथ ही स्थानीय नगर निकाय और NHAI को भी इसमें शामिल किया गया है। बताया गया कि इस सिस्टम पर काम करने के लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। वहीं राज्य में परिवहन सचिव या परिवहन आयुक्त को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। जो सभी विभागों से समन्वय स्थापित करेंगे। बिहार में फिलहाल पथ निर्माण विभाग के एसई धनंजय कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है

क्या है आईआरएडी ऐप, ऐसे करेगा काम 


IRAD मोबाइल एप्लिकेशन पुलिस को सड़क दुर्घटना का पूरा विवरण फोटो, वीडियो, प्रभावित शख्स का नाम, उम्र, पता, वाहन नंबर, स्थान, दुर्घटना संभावित कारण भरा जाएगा। जिसमें सड़क की बनावट से लेकर हादसे से जुड़ी पूरी जानकारी अलर्ट चुनिंदा विभागों के कार्मिकों को दी जाएगी। IRAD मोबाइल एप्लिकेशन पुलिस को सड़क दुर्घटना के विवरण को तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से समझने की अनुमति देता है जिसका उपयोग घटना के लिए एक विशिष्ट ID बनाने के लिए किया जाएगा। लोक निर्माणविभाग  यास्थानीय प्राधिकरण के एक इंजीनियर को अंततः अपने मोबाइल डिवाइस पर चेतावनी मिल सकती है। जिसके बाद वह या तो दुर्घटना के स्थल का दौरा करेगा, इसकी जांच करेगा और आवश्यक विवरणों को एकत्रित करेगा, जैसे कि सड़क का डिज़ाइन। इस प्रकार एकत्र किए गए डेटा का IIT-M टीम द्वारा विश्लेषण किया जाएगा, जो तब सुझाव देगा कि सड़क डिजाइन में  सुधारात्मक कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है या नहीं।


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