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Bihar News : आगामी नौ दिन में पंचायत के काम का ऑडिट नहीं करानेवाले मुखिया चुनाव लड़ने से होंगे वंचित, सरकार ने जारी किया सख्त निर्देश

Bihar News : आगामी नौ दिन में पंचायत के काम का ऑडिट नहीं करानेवाले मुखिया चुनाव लड़ने से होंगे वंचित, सरकार ने जारी किया सख्त निर्देश

DESK :  राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य की पंचायती राज विभाग पंचायत चुनाव को लेकर हर दिन नया निर्देश जारी कर रहे हैं। एक दिन पहले निर्वाचन आयोग ने यह निर्देश दिया था कि चुनाव में उम्मीदवार एक लाख से अधिक खर्च नहीं कर सकते हैं, वहीं अब पंचायती राज विभाग ने एक नया आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद वर्तमान मुखिया की दोबारा चुनाव लड़ने की ख्वाहिश खतरे में पड़ सकती है। 

पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव को लेकर एक सख्त निर्देश जारी करते सभी मुखियों को आगामी 31 मार्च तक अपने क्षेत्र में किए गए काम का ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया है। मतलब अगले नौ दिनों में ऑडिट नहीं कराया गया तो मुखिया चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। यह जानकारी पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने रविवार को दी है. साथ ही सभी जिलाधिकारियों, डीडीसी और जिला पंचायतीराज पदाधिकारियों से पंचायतवार रिपोर्ट तलब की है. आगामी पंचायत चुनाव को लेकर इसे अहम माना जा रहा है.

इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है कि पंचायती राज एक्ट के अनुसार समय पर पंचायत का ऑडिट करवाना अनिवार्य है. यदि कोई ग्राम पंचायत इसे करवाने में असफल रहते हैं तो इसे वैधानिक कर्तव्य के निर्वहन में विफलता मानी जायेगी. इसके साथ ही सभी मुखिया को उपयोगिता प्रमाणपत्र भी जमा करना अनिवार्य है. ऐसे में इस नियम का पालन नहीं करने वाले मुखिया अयोग्य घोषित किये जायेंगे. मतलब चुनाव ही नहीं लड़ सकते.

मुखिया लोगों के लिए बढ़ेगी परेशानी

मुखिया लोगों के लिए अब दोहरी परेशानी है। अगर ऑडिट कराते हैं उनका फर्जीवाड़ा सामने आएगा और आगे उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी और उन्होंने ऑडिट नहीं कराया तो भी ब्लैक लिस्टेड होंगे. चुनाव लड़ने पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही उनकी पंचायतों में इस बात की जांच भी की जाएगी कि वहां किस तरह से योजनाओं पर काम हुआ है। ऐसे में यह तय है कि पंचायत चुनाव में इस पर सख्ती से पालन किया तो कई चेहरे चुनाव में बदल जाएंगे।

इससे पहले सरकार ने उन जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की बात कही थी जिन्होंने हर घर जल-नल योजना को पूरा नहीं किया है. इसके अलावा एक लंबा चौड़ा गाइडलाइन भी जारी किया गया है कि बिहार पंचायत चुनाव में कैसे प्रत्याशी ताल ठोक सकते हैं.




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