KISHANGANJ: बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए 5 साल का वक्त बीत चुका है, मगर इतने दिनों में एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा, जब सूबे के किसी क्षेत्र से शराब की बरामदगी नहीं हुई हो। रोजाना किसी न किसी जिले से शराब की खेप पुलिस द्वारा जब्त की जाती है।शराब बरामदगी होने के बाद शराब कारोबारियों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। वहीं बरामद शराब को विनष्टीकरण के लिए भेज दिया जाता है।
इन सबके अलावा वैसे जिले, जो बिहार की सीमा के पास पड़ते हैं, वहां विशेष रुप से मद्यनिषेध चेकपोस्ट का निर्माण कराया गया है। इस चेकपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी दूसरे प्रदेशों से आने वाले गाड़ियों की जांच करते हैं, ताकि यह पता चल सके कि उनमें छुपाकर शराब तो नहीं लाई जा रही है। इसी को लेकर किशनगंज में एसडीएम द्वारा मद्यनिषेध चेकपोस्ट पर जांच की गई। किशनगंज में भी लगातर शराब तस्करे की मामले सामने आते रहते हैं। वह इसलिए क्योंकि यहां की सीमाएं पश्चिम बंगाल में मिलती है। 10 से 12 किलोमीटर में बंगाल होने के कारण लोग शराब तस्करी की घटना को अंजाम देने आसान समझते हैं। जबकी शराबबंदी को प्रभावी बनाने को लेकर किशनगंज जिला प्रशासन अलर्ट मोड में ही रहती है।
किशनगंज मद्यनिषेध चेकपोस्ट पर चेकिंग लगातार चलती ही रहती है। इसी बीच आज मद्यनिषेध चेकपोस्ट का निरीक्षण करने किशनगंज एसडीएम शहनवाज अहमद नियाजी पहुंचे। एसडीएम ने रामपुर चेकपोस्ट और फरिंगोरा चेकपोस्ट का निरीक्षण किया और चेकपोस्ट में कार्यों का अवलोकन किया। साथ ही एसडीएम शहनवाज अहमद नियाजी में खुद भी चेकिंग के दौरान गाड़ियों का जांच की।