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BIHAR NEWS : सात जन्मों का साथ पांच घंटे में ही टूटा! ससुराल की जगह श्मशान के लिए विदा हुई दुल्हन, पति ने दी मुखाग्नि

BIHAR NEWS : सात जन्मों का साथ पांच घंटे में ही टूटा! ससुराल की जगह श्मशान के लिए विदा हुई दुल्हन, पति ने दी मुखाग्नि

MUNGER :  कोरोना ने मानवता के उन सच्चाईयों को भी पूरी तरह से झकझोर दिया है, जो किसी के दिल को अंदर चोट पहुंचाता है। ऐसा ही एक मामला मुंगेर जिले से सामने आया है। यहां लॉकडाउन के बीच एक जोड़ा शादी के पवित्र बंधन में बंधा, दोनों ने अग्नि के सामने सात जन्म तक साथ रहने की कसमें खाई। लेकिन कुदरत की करनी ऐसी कि सात जन्मों का साथ सिर्फ पांच घंटे में ही हमेशा के लिए टूट गया। शादी के कुछ घंटे के अंतराल के  बाद दुल्हन बनी युवती की मौत हो गई। जिसे विदा होकर अपने ससुराल जाना, उसकी विदाई तो हुई, लेकिन उसकी मंजिल पति का घर नहीं श्मशान घाट था। जहां दुल्हा बने युवक ने मुखाग्नि देकर उसे संसार से विदा किया। इस उम्मीद में कि शायद इस जन्म का साथ सिर्फ कुछ घंटों का था।

मुंगेर मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर तारापुर अनुमंडल के बीते 8 मई को अफजल नगर पंचायत के खुदिया गांव में रंजन यादव उर्फ रंजय के घर बेटी निशा कुमारी की शादी को लेकर परिवार के लोग काफी खुश और उत्साहित थे. हवेली खड़गपुर प्रखंड के महकोला गांव से सुरेश यादव के पुत्र रवीश की बारात पहुंची और शादी ब्याह की रस्म पूरी की गई. यहां दुल्हन बनी निशा के साथ दुल्हे रवीश को सभी ने साथ रहने का आशीर्वाद दिया। लेकिन किसी को पता नहीं था कि यह साथ कुछ घंटों का है। शादी के सात फेरे लेने और सिंदूरदान के बाद ही दुल्हन निशा की तबियत बिगड़ गई जिसको लेकर आनन-फानन में लड़की के परिजन दुल्हन निशा को तारापुर स्थित सामुदायिक केंद्र लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने दोनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया. जहां एक निजी अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।

सुहागिन निशा का शव गांव पहुंचने पर परिजनों में चीत्कार मच गया. मुंगेर मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर तारापुर अनुमंडल के अफजल नगर पंचायत के खुदिया गांव में शादी के महज 5 घंटे बाद ही दुल्हन की मौत की खबर से क्षेत्र के लोगों में सनसनी फैल गई. गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. इस हृदय विदारक घटना ने गांव के लोगों की संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया. जीवन संगिनी बनकर पति के साथ जिंदगी बिताने के लिए शादी के सात फेरे लेने वाली सुहागिन दुल्हन की महज पांच घंटे में इलाज के दौरान मौत से सभी हतप्रभ है और खुदिया गांव गम में डूबा है. दुल्हन निशा के साथ जीवन बिताने के सात फेरे लेने वाले पति रवीश कुमार को अपनी पत्नी को विदा कर अपने घर महकोला की जगह उनके शव को सीधे श्मशान ले जाना पड़ा.

कोविड को लेकर कम संख्या में हवेली खड़गपुर प्रखंड के महकोला गांव से सुरेश यादव के पुत्र रवीश की बारात पहुंची और शादी ब्याह की रस्म पूरी की गई. शादी के सात फेरे लेने और सिंदूरदान के बाद ही दुल्हन निशा की तबियत बिगड़ गई जिसको लेकर आनन-फानन में लड़की के परिजन दुल्हन निशा को तारापुर स्थित सामुदायिक केंद्र लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने दोनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया.

चंद घंटे पहले ही वैवाहिक संस्कार पूरे कर पति-पत्नी का सामाजिक, पारिवारिक दायित्व ग्रहण करने वाले पति रवीश कुमार ने पत्नी निशा को मुखग्नि दी. सुल्तानगंज स्थित श्मशान घाट पर मौजूद सभी लोग इस वाकये को देख बहुत ही दुखी दिखे. पति के सामने इस पांच घंटे का मंजर कैसा रहा होगा लोग इसको लेकर भी एक दूसरे से रुंधे गले से चर्चा कर रहे हैं. 


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