DESK: सियासत की दुनिया के भी रंग निराले होते हैं। कब कौन कहां और किसके साथ हो जाये, इसका पूर्वानुमान कोई नहीं लगा सकता है। कुछ दिन पहले तक पीएम मोदी के लिए सकारात्मक संकेत देकर चर्चा बटोर चुके कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अब फिर चर्चा की केंद्र में हैं। दरअसल इस बार शत्रुघ्न फिर पार्टी बदलने को लेकर चर्चा में हैं। सूत्रों की माने तो शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता रहे यशवंत सिन्हा की राह पर चल सकते हैं और पश्चिम बंगाल में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज
सूत्रों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस बीजेपी के घोर विरोधी नेताओं को अपने साथ लेना चाहती है। ममता बनर्जी जब तीसरी बार सीएम बनी तब शत्रुघ्न सिन्हा ने उनको शुभकामनाएं भी दी थी। ऐसी खबर है कि आगामी 21 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस की तरफ से वर्चुअल शहीद दिवस रैली का आयोजन किया गया है। उसी दिन शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी में शामिल हो सकते हैं। चर्चा यहां तक व्याप्त है कि तृणमूल कांग्रेस शत्रुघ्न सिनहा को राज्यसभा भी भेज सकती है।
दो सीटें हैं खाली
दरअसल राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की दो सीटें खाली हुई हैं। इनमें एक सीट दिनेश त्रिवेदी की थी, जब उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था वहीं दूसरी सीट मानस भूइयां के मंत्री बनने के कारण रिक्त हुई है। राजनीति के जानकारों की माने तो ममता बनर्जी इनमें से एक सीट पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली पर बिठाना चाहती है। हाल ही में उनके जन्मदिन पर ममता ने खुद गांगुली के निवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी और शुभकामनाएं दी थी। वहीं दूसरी सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को राज्यसभा में भेजा जा सकता है। शत्रुघ्न पिछले कई वर्षों से बीजेपी के खिलाफ मुखर हैं।
अटल सरकार में थे मंत्री
ज्ञात हो कि शत्रुघ्न सिन्हा अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं । पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से उनको टिकट नहीं मिला था जिसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गये थे और पटना साहिब से उन्होंने बीजेपी के रविशंकर प्रसाद के खिलाफ ताल ठोक दिया था, जिसमें उनको हार मिली थी। उनकी पत्नी ने लखनऊ से बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उनको भी हार मिली थी। जबकि शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा ने भी कांग्रेस के टिकट पर बिहार की बांकीपुर सीट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, जहां उनको भी हार का सामना करना पड़ा था।