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अंगों को नहीं, बल्कि इंसानों की भावनाओं की हत्या कर रहा है कोरोना, दरभंगा की इस घटना के बाद हो जाएगा यकीन

अंगों को नहीं, बल्कि इंसानों की भावनाओं की हत्या कर रहा है कोरोना, दरभंगा की इस घटना के बाद हो जाएगा यकीन

DARBHANGA : कोरोना न सिर्फ लोगों को बीमार कर रही है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाएं भी खत्म कर रही है। इसका जीता जागता उदाहरण दरभंगा से सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति की कोरोना से मौत हो जाती है। लेकिन उसके बाद मृतक का बेटा पिता की लाश छोड़कर भाग गया। इसके बाद कोई शव ले जाने के लिए परेशान न करे, उसने अपने मोबाइल का स्वीच भी ऑफ कर दिया।

मामले में बताया गया कि गुरुवार सुबह डीएमसीएच में एक बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई, एंबुलेंस में लाश लेकर कुछ परिजनों को देर शाम शहर के बाहर एक स्थल पर अंतिम संस्कार के लिए जाना था. वहां उनकी सहायता के लिए कबीर सेवा संस्थान के स्वयंसेवक नवीन सिन्हा के नेतृत्व में तैयार थे. निर्धारित समय पर जब नवीन सिन्हा ने पुत्र को कॉल किया, तो उसने आने की जानकारी दी. कुछ देर बाद उसका मोबाइल ऑफ हो गया. नवीन सिन्हा ने जब अस्पताल में कॉल किया तो बताया गया कि पुत्र ने लिख कर दे दिया कि वह शव ले जाने में असमर्थ है और वहां से निकल गया. शव के अंतिम संस्कार में सहयोग करने की तैयारी कर चुके स्वयंसेवक इसके बाद शमशानघाट से वापस हो गये.

बेटे को छोड़ पूरा परिवार है संक्रमित

मामला कमतौल थाना का है। बताया गया मृतक रेलवे से रिटायर थे. परिवार में पत्नी व तीन पुत्र हैं. परिजनों में एक बेटे को छोड़ सभी कोरोना पॉजिटिव हैं। लेकिन महामारी का डर ऐसा कि एकमात्र निगेटिव बेटा भी शव छोड़ कर फरार हो गया. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने पुत्र को शव के अंतिम संस्कार के लिये रोकना चाहा। लेकिन पुत्र किसी भी स्थिति में पिता के दाह संस्कार में शामिल नहीं होना चाहता था. आखिरकार उसने अस्पताल को लिखित दे दिया कि उसके पास कोई नहीं है. वह लाश ले जाने में असमर्थ है. इसके बाद पिता का शव छोड़ पुत्र चुपके से अस्पताल से भाग निकला. 

सामाजिक संस्थाओं ने किया अंतिम संस्कार

लाश को अस्पताल में ही डीप फ्रीजर में रखवा दिया गया. सदर एसडीओ राकेश कुमार ने शव को शुक्रवार को रात में अंतिम संस्कार कराये जाने की बात कही. कबीर सेवा संस्थान के संरक्षक नवीन सिन्हा ने संस्थान के मो उमर, दीपक कुमार, सुरेंद्र महतो व रंजीत के साथ शव का शुक्रवार को देर रात नौ बजे अंतिम संस्कार कर दिया. 

दिल्ली से भागकर आया था पूरा परिवार

बताया जाता है कि परिवार दिल्ली में रहता था. एक सदस्य कोरोना संक्रमित हो गया. उसे वहीं भर्ती कराया गया.बाद में एक बोलेरो लेकर वहां से परिवार के अन्य सदस्य वहां से निकल भागे. इसकी जानकारी जिला प्रशासन ने स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों को दी. स्वास्थ्य कर्मी वहां पहुंचकर सभी सात लोगों की कोरोना जांच की. इसमें से 65 साल के बुजुर्ग की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। उसे पांच अप्रैल को डीएमसीएच के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया. इलाज के क्रम में गुरुवार को बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया


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