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BIHAR NEWS: अस्पताल परिसर में मारपीट मामले ने पकड़ा तूल, पदस्थापित डॉक्टर हुए गोलबंद, थानाध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोप

BIHAR NEWS: अस्पताल परिसर में मारपीट मामले ने पकड़ा तूल, पदस्थापित डॉक्टर हुए गोलबंद, थानाध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोप

BANKA/AMARPUR: अमरपुर अस्पताल परिसर में रविवार के दिन आयुष चिकित्सक डॉक्टर ज्योति भारती को मरीज के परिजनों ने बर्बरतापूर्वक पीटा। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना को लेकर जहां एक तरफ अमरपुर शहर के समाजसेवियों ने कड़ी निंदा की है, वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों ने पुलिस की लापरवाही और खुद की सुरक्षा को लेकर गोलबंद होने का निर्णय लिया है।

विदित हो कि रविवार शाम महगामा मोड़ के समीप ट्रक और बाइक की टक्कर में महगामा गांव निवासी तीन युवक बुरी तरह से जख्मी हो गये थे। सभी को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टर ज्योति भारती ने उनका प्राथमिक उपचार किया। जिसके पश्चात उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया। स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को देखते हुए अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टर ने जख्मी का मरहम पट्टी के लिए महिला एनएम को लगा दिया। इसी बात पर घायलों के साथ आए ग्रामीणों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और उनसे बुरी तरह मारपीट की। डॉक्टर ज्योति भारती चिल्ला-चिल्लाकर खुद को बचाने की गुहार लगाते रहे और लगभग 3 दर्जन लोगों ने उन्हें पीटा। किसी तरफ ने मदद ना मिलती देख थक हार कर डॉक्टर ने अस्पताल परिसर के पास किसी घर में घुसकर अपनी जान बचाई। 


बांका सीएमओ ने मामले पर डाक्टरों के साथ की बैठक

अमरपुर अस्पताल में डॉक्टर की बर्बरतापूर्वक पिटाई मामले को बांका सिविल सर्जन ने गंभीरता से लेते हुए सीएमओ डॉ अभय प्रकाश चौधरी को जांच की जिम्मेदारी सौंपते हुए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया। जिसपर सीएमओ डॉ अभय प्रकाश चौधरी, अस्पताल के पुर्व प्रभारी डॉ बिनोद कुमार समेत अन्य कर्मी अस्पताल पहुंच कर पीड़ित से घटना की विस्तृत जानकारी ली। वहीं अमरपुर थानाध्यक्ष मो. सफदर अली को अस्पताल बुलाकर मामले में अविलंब कार्रवाई करने की अपील की। जिसपर थानाध्यक्ष ने पिड़ित डॉ के द्वारा दिये गये आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। 

थानाध्यक्ष अगर चाहते तो हमलावरों को कर सकते थे गिरफ्तार

अस्पताल परिसर में दबंगों द्वारा डाक्टर के साथ हुई पिटाई मामले में नई-नई बातें उजागर हो रही है। घटना के वक्त अस्पताल परिसर में मौजूद कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अगर अमरपुर थानाध्यक्ष चाहते तो मौके से दर्जनों हमलावरों को गिरफ्तार किया जा सकता था। घटना की जानकारी मिलने पर थानाध्यक्ष करीब आधे घंटे के बाद अस्पताल परिसर पहुंचे। थानाध्यक्ष के समक्ष ही हमलावर डाक्टर के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए डाक्टर को हाजिर करने की मांग कर रहे थे, लेकिन थानाध्यक्ष सभी हमलावरों को समझा-बुझाकर अस्पताल से भगा दिया। थानाध्यक्ष के द्वारा की गई रवैया से शहर में चर्चाओं का बाजार गरम है। हालांकि डाक्टर्स, बीडीओ एवं अन्य अधिकारियों के दबाव पर डाक्टर के द्वारा दिए गए आवेदन पर प्राथमिकी तो दर्ज कर ली है। अब देखने वाली बात यह होगी कि मामले में कितने लोगों की गिरफ्तारी होगी। 

अस्पताल में डॉक्टर की कमी, आए दिन होते हैं कोपभाजन का शिकार

अमरपुर अस्पताल में एमबीबीएस डाक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मी सहित काफी संख्या में पद रिक्त है। आज तक अमरपुर अस्पताल में स्वास्थ्य को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है। जिस कारण आये दिन अस्पताल में पदस्थापित आयुष चिकित्सक मरीजों के साथ परिजनों के कोपभाजन का शिकार हो रहे हैं। नगर पंचायत समेत अमरपुर प्रखंड में 20 पंचायत हैं, जिसमें एकमात्र अमरपुर शहर में स्थित रेफरल अस्पताल है। प्रतिदिन डिलीवरी से लेकर विभिन्न बीमारियों से ग्रसित सैकड़ो की संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन डॉक्टर की कमी के कारण अधिकतर मरीज रेफर हो जाते हैं। फिलवक्त अमरपुर अस्पताल में 3 आयुष चिकित्सक और 3 महिला चिकित्सक पदस्थापित हैं, जिसके भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा है। अगर अस्पताल में जल्द ही डाक्टर्स की कमी को पूरा नहीं किया गया तो आने वाला समय काफी भयावह हो सकती है।

बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट।


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