बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

BIHAR NEWS: पश्चिम चंपारण में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा, बराज से पानी छोड़ने से बढ़ा नदियों का जलस्तर, जल्द पलायन के विचार में लोग

BIHAR NEWS: पश्चिम चंपारण में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा, बराज से पानी छोड़ने से बढ़ा नदियों का जलस्तर, जल्द पलायन के विचार में लोग

BETTIAH: मॉनसून ने दस्तक देते ही पूरे बिहार पर अपना कब्जा जमा लिया है। पूरे बिहार में घने काले बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर बारिश लगातार जारी है। लगातार हो रही बारिश से गंगा, गंडक सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर नदी किनारे बसे क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। नदी किनारे बसे इलाकों में अभी से ही कटाव होना शुरू हो गया है। पश्चिम चंपारण के बेतिया में गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से दर्जनों गांव में पानी घुस आया है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से गंडक नदी में 4 लाख 8 हज़ार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है।

मॉनसून के कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। प्रशासन बांधों और तटबंधों की सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट पर है। बराज से पानी छोड़ने से गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ रहा है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा सभी तटबंधो की सुरक्षा में इससे संबधित सभी पदाधीकारियों को 24×7 घंटे लगातार ड्यूटी पर शिफ्ट वाईज तैनाती कर दी गई है। गंडक नदी के किनारे बसे लोगों को ऊपरी हिस्से में जाने को कहा गया है ताकि जानमाल की रक्षा हो सके। वहीं जिले की तमाम नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। बेतिया के मझौलिया प्रखंड के हरपुर गढ़वा पंचायत के बथना गांव के ग्रामीण दहशत में है। बूढ़ी गंडक नदी लगातार कटाव कर रही है। 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण गांव के लोग दहशत में है। जिस तरह से बूढ़ी गंडक नदी कटाव कर रही है ऐसे में गांव के लोग ऊंचे स्थान पर पलायन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बाढ़ तबाही लेकर आती है। नदी का कटाव जितनी तेजी से कर रहा है उसे लेकर ग्रामीण रात भर सो नहीं रहे हैं। मंगलवार को रात भर ग्रामीण तटबंध पर टॉर्च और लाठी लेकर घूमते रहे। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिन पहले BJP प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल समेत जिले के कई बड़े-बड़े अधिकारी तटबंध का निरीक्षण करने आए थे। लेकिन, तटबंध का निर्माण नहीं हुआ।

गंडक नदी में नावों के परिचालन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। जलस्तर में वृद्धि के साथ दर्जनों गांवों में नदी का पानी घुस गया है। जिस तरह गंडक नदी बराज से पानी छोड़ा जा रहा है ऐसे में 1 से 2 दिनों के अंदर गांव में पानी प्रवेश कर जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री ने आपदा विभाग जल संसाधन विभाग और संबंधित सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों के बीच माइकिंग के जरिये इसका विशेष रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि निष्क्रमण की कार्रवाई त्वरित गति से हो सके। गंडक नदी के तटबंधों के इलाके में रहने वाले लोगों को जल्द से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए।

Suggested News