GAYA: बिहार के गया में यास तूफान ने फल्गु नदी को मुंबई के जुहू बीच जैसा बना दिया है। एक तरफ लोग तबाही के मंजर देखकर परेशान, हताश और दुखी हैं। वहीं गया में खासकर युवा खुशी में यह भी भूल गए कि लॉकडाउन जारी है और बेवजह घरों से निकले पर रोक लगी है। सभी फल्गु नदी के किनारे आकर नदी की जलधारा देखने को उत्सुक हैं।
दरअसल दशकों में ऐसा पहली बार लोगों को देखने को मिला कि इस भीषण तपती जेठ के महीने में फल्गु नदी में कल-कल करती ठंडी जलधारा इठलाती मचलती बह रही थी। यह दृश्य आंखों से ओझल ना हो, इसके लिए बच्चे, बूढ़े, जवान, युवा सभी अपनी अपना कैमरा लिए फल्गु नदी के किनारे पहुंच गए और माहौल पिकनिक जैसा हो गया। यास तूफान ने उड़ीसा का बालासोर और पश्चिम बंगाल का तटीय इलाका दीघा सहित कई इलाकों में मौत का तांडव मचाया। यही यास तूफान बिहार के गया में खुशियां बनकर आया। लोगों के मुताबिक उन्होनें कभी नदी में इतना पानी देखा ही नहीं। यहां नदी हमेशा ही बालू के नीचे बहती है। लोगों को रेत के बीच गड्ढा खोदने पर मद्धिम-सी जलधारा दिखती है। यहीं पर लोग पिंडदान भी करने आते हैं।
धार्मिक पुराणों में उद्धत कथा के मुताबिक सीता ने फल्गु नदी को श्राप दिया था कि यह नदी कभी भी पानी से भरी नहीं होगी, इसीलिए इस नदी का नाम अंतः सलिला फल्गु नदी पड़ा। युगों बाद आज तूफान ने चंद दिनों के लिए फल्गु को सीता के श्राप से मुक्त कर दिया। नदी में इठलाती जलधारा को देखने के लिए गया के लोग सीता कुंड के पास पहुंच गए। कई लोगों ने कहा कि जीवन में पहली बार इस भीषण गर्मी में हमने फल्गु नदी में इतना पानी देखा है। कई लोगों ने कहा कि यास तूफान गया के लिए वरदान बन कर आया है। बच्चे , बूढ़े युवा सभी फल्गु नदी में बहती जलधारा को देखने के लिए उमड़ पड़े। मौके पर कोई दुर्घटना ना हो जाए इसके लिए सीताकुंड तट पर पुलिस की तैनाती भी कर दी गई। मौके पर मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह ने बताया कि फल्गु नदी में अचानक अधिक पानी आने की वजह से देखने वालों की भीड़ की हिफाजत के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।