PATNA : सड़क हादसे में मारे गए लोगों या गंभीर रूप से घायल के परिवारों को मुआवजे के लिए ज्यादा दौड़ भाग करने की जरुरत नहीं होगी। राज्य परिवहन विभाग ने फैसला लिया है कि राज्य स्तरीय दावा न्यायाधिकरण का गठन किया जाएगा। इस न्यायाधिकरण से दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवार को दो माह की अवधि में मुआवजा राशि उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटना के हताहत हुए लोग मुआवजा राशि के लिए दावा कर सकेंगे.
परिवहन विभाग के अनुसार मोटर वाहन अधिनियम की धारा 165 के तहत इस न्यायाधिकरण का गठन किया जायेगा. जो परिवहन विभाग के नियंत्रण में राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण तात्कालिक प्रभाव से सक्षम न्यायाधिकरण होगा
यह होगी पूरी प्रक्रिया
मुआवजा राशि के लिए पहले पीड़ित परिवार अनुमंडल पदाधिकारी के पास आवेदन करेंगे। एसडीएम यह आवेदन विशेष दूत के माध्यम से या ई-मेल द्वारा दावा न्यायाधिकरण को प्रेषित करेंगे. दावा न्यायाधिकरण द्वारा आवेदन को मुआवजा के लिए वाद के रूप में स्वीकार किया जाये. इसके लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा. न्यायाधिकरण अधिकतम 60 दिनों के अंदर मुआवजा की राशि का निर्धारण कर सकेगा. दावा निष्पादन प्रक्रिया के लिए दावा न्यायाधिकरण स्थल पर स्थानीय निरीक्षण अथवा अन्य गवाहों का परीक्षण अपेक्षित नहीं होगा.
पुराने मामले पूर्व प्रक्रिया के तहत होंगे निष्पादित
राज्य स्तरीय दावा न्यायाधिकरण में अतिरिक्त सदस्यों की नियुक्ति हो सकेगी. बिहार मोटर- वाहन संशोधन नियमावली के माध्यम से इन नियमों के लागू होने पर मोटर दुर्घटना दावा वाद राज्य स्तरीय दावा न्यायाधिकरण में दर्ज किये जा सकेंगे. पहले के जो भी दावा आवेदन विभिन्न जिलों में गठित न्यायाधिकरण में लंबित हैं, पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही निष्पादित किये जायेंगे.
दुर्घटना अधिकारी की होगी बड़ी भूमिका
अंतरिम मुआवजा राशि का मूल्यांकन अंतिम भुगतान के अनुरूप या पीड़ित व्यक्तियों की ओर से दावा न्यायाधिकरण के समक्ष दावा आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी के यहां जारी होने वाले प्रपत्र में प्रेषित किया जायेगा. दावा न्यायाधिकरण में आवेदन दाखिल करने के लिए एवं पीड़ित व्यक्ति द्वारा दुर्घटना अधिकारी को अधिकृत किया जा सकेगा.