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Bihar : इस बार लॉकडाउन लगने पर स्ट्रीट वेंडरों को नहीं होगी पिछले साल की तरह परेशानी, सरकार ने कर दी है यह व्यवस्था

Bihar : इस बार लॉकडाउन लगने पर स्ट्रीट वेंडरों को नहीं होगी पिछले साल की तरह परेशानी, सरकार ने कर दी है यह व्यवस्था

PATNA :  पिछले साल लगभग छह माह तक कोरोना लॉकडाउन का मार हर दिन ठेला दुकान लगाकर अपनी रोजी चलानेवाले स्ट्रीट वेंडरों को उठानी पड़ी थी। इस साल कोरोना की स्थिति ज्यादा भयानक नजर आ रही है। ऐसे में फिर से लॉकडाउन की मांग तेज हो गई है। जिसका डर स्ट्रीट वेंडरों को सताने लगा है। ऐसे में हर दिन ठेला रेहड़ी लगाकर अपना गुजारा करनेवाले स्ट्रीट वेंडरों के लिए सरकार ने अलग व्यवस्था कर दी गई है। माना जा रहा है कि इन व्यवस्था से स्ट्रीट वेंडरों को लॉकडाउन के दौरान भी दिक्कतों का ज्यादा सामना नहीं करना होगा।

जैसा कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान देखा गया था कि ऑनलाइन फुड डिलिवरी की मांग में तेजी आई थी, लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ बड़े होटलो और रेस्टोरेंट तक सिमित थी। अब सरकार ऑनलाइन फुड डिलिवरी से स्ट्रीट वेंडरों को भी जोड़ रही ही। बताया जा रहा कि प्रधानमंत्री आजीविका मिशन के तहत ऑनलाइन फूड एप स्विगी और जोमैटी जैसे कंपनियों से जोड़ा जा रहा है। अब तक पटना के 50 स्ट्रीट वेंडर्स को स्वीगी से जोड़ा जा चुका है। जिनसे घर बैठे लिट्टी, चाट, चाउमिन, बटाटापुरी और मोमोज जैसे स्ट्रीट फूड मंगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि कई स्ट्रीट वेंडर्स फूड डिलीवरी शुरू भी कर चुके हैं।

125 शहरों में 36 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ

दरअसल, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन खाना डिलिवरी करने वाली कंपनी स्विगी से हाथ मिलाया है। पहले चरण में पटना समेत आधा दर्जन शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना शुरू की गई है। इस योजना को देश के 125 शहरों में 36 हजार स्ट्रीट फूड वेंडर्स तक ले जाने की योजना है। बिहार में भी दूसरे चरण में मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जैसे शहरों को शामिल किया जा सकता है। स्विगी और जोमैटो जैसे ऑनलाइन फूड एप पर आने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स को प्रशिक्षण भी दिया गया है। आजीविका मिशन की पहल पर ऑनलाइन डिलीवरी से लेकर पेमेंट तक के सिस्टम के बारे में उन्हें जानकारी दी गई है। परिचय पत्र के साथ क्यू आर कोड भी मुहैया कराया गया है, जिसे स्कैन कर पेमेंट लिया जा सकता है

बता दें कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण स्ट्रीट फूड वेंडर्स का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इसके बाद प्रधानमंत्री की पहल पर स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत उन्हें बिना गारंटी के 10 हजार रुपये का ऋण देने की शुरुआत की गई ताकि कोरोना काल से उबरकर वह अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सकें। अब फुटपाथी दुकानदारों के ऑनलाइन फूड एप पर आने से कोरोना काल जैसे समय में उन्हें दोहरा फायदा मिलेगा।


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