BETTIAH: नेपाल में हो रही लगातार बारिश का प्रभाव वहां से सटे बिहार के इलाकों में साफ तौर पर देखा जा सकता है। नेपाल से सटे इलाकों में नदियों का जलस्तर सामान्य से काफी ऊपर पहुंच चला गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी घुस गया है और लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। इतनी ही नहीं, पश्चिम चंपारण के कई मुख्य पथ पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, जिससे आवागमन ठप हो गया है।
पश्चिम चम्पारण के लौरिया-नरकटियागंज, लौरिया-रामनगर, नरकटियागंज-बेतिया, नरकटियागंज-बलथर, बलथर-बेतिया मुख्य पथ पर साल में दूसरी बार बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इससे एक तरफ जहां आवागमन ठप हो गया है, वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों का संपर्क दूसरे इलाकों से कट गया है। इनसब के अलावा सबसे प्रभावित किसान और सब्जी विक्रेता हैं। किसानों की खड़ी फसल पानी लगने से बर्बाद हो गई, वहीं अचानक हुई तेज बारिश से सब्जी विक्रेताओं की जमापूंजी डूब गई। शुक्रवार को वाल्मीकि गंडक बराज से सुबह 10 बजे तक 2 लाख 9 हजार 500 क्यूसेक पानी अप स्ट्रीम से लो स्ट्रीम में गंडक नदी में छोड़ा गया। एकसाथ इतनी मात्रा में पानी छोड़ने से गंडक, सिकरहना, हडबोडा, पहाडी नदी झपसा, बलोर सहित जिले के सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। वहीं इस संबध मे लौरिया सब्जी विक्रेताओं ने बताया की कल देर रात सिकरहना नदी का पानी काफी तेजी से लौरिया -नरकटियागंज-रामनगर मार्ग पर चढ गया। जिससे प्रखंड व जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है।
अचानक पानी चढ़ने से सब्जी विक्रेताओं की लगभग सारी जमापूंजी बह गई है। वहीं सब्जी विक्रेता भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। वहीं लौरिया के किसान जवाहिर साह ने बताया की यह बाढ़ के पानी ने दूसरी बार हम लोगों का धान का बीचड़ा सडा दिया। वहीं जिला प्रशासन से अभी तक कोई राहत नही मिला है। इस बात को लेकर लोगों में काफी रोष व्याप्त है।