DESK: बिहार के कई जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाना शुरु कर दिया है. कई जिले जलमग्न हो चुके हैं और लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं. कुछ जिलों का तो हाल ऐसा है कि वहां का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया. लोग अपनी जान बचाने के लिए रेलवे ट्रेक पर सहरा ले रहे हैं.
नेपाल के तराई वाले इलाके और उत्तर बिहार का इलाका बाढ़ से बेहाल है. अब राजधानी पटना पर भी खतरा मंढ़रा रहा है क्युंकि गंगा नदीं का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है और अब खतरे के निशान से सिर्फ 1 मीटर दूर है. गांधी घाट में गंगा लाल निशान से महज 1.01 मीटर दूर है तो हाथीदह में 95 सेंटीमीटर दीघा घाट पर गंगा खतरे के निशान से 1.98 मीटर नीचे है.
पटना से गुजरने वाली पुनपुन और सोन के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है यह नदियां भी लाल निशान से काफी दूर है. पुनपुन श्रीपालपुर में 2.85 और सोन मंदिर में 2.24 मीटर नीचे है. पिछले एक पखवारे में गंगा का जलस्तर बीघा में 1.83 गांधी घाट पर 1.69 और हाथीदह में 2.37 मीटर ऊपर आया है. पुनपुन नदी श्रीपालपुर में 93 सेंटीमीटर और 1.7 मीटर बनी है गांधी घाट पर गंगा नदी लाल निशान से 1 मीटर दूर.
बिहार के अधिकांश नदियां अभी भी उफान मार रही हैं. जहां सीतामढ़ी में एनएच पर पानी चढ़ गया तो मधुबनी के मधवापुर प्रखंड में भी एनएच पर चढ़ा पानी नहीं उतरने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. वही बात करें बागमती, गंडक, लखनदेई और सिकरहना तटबंध की तो, इन हिस्सों में अभी भी दबाव बना हुआ है. इस इलाके के 2 दर्जन गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है, लिहाजा बाढ़ और बारिश की आशंका को देखते हुए स्थानीय लोगों ने एनएच और तटबंध पर शरण लिया है.