मुजफ्फरपुर- बिहार पुलिस को हाईटेक और पब्लिक फ्रेंडली बनाने की कवायद जोरों पर है.
लेकिन सुशासन की पुलिस पर सवार वर्दी को रौब कहां हटने वाला है. जीरो टोलरेंस की
बात करने वाले इस सरकार की पुलिस मदद मांगने पर भद्दी भद्दी गालियां देती है. डंडा
कर देने की बात करती है. सीधे माई-बहिन पर उतर आती है. आज हम आपको
मुजफ्फरपुर पुलिस का एक ऑडियो सुनाने वाले हैं. इस ऑडियो को सुनकर आपको अंदाजा हो
जाएगा, बिहार पुलिस सदैव आपकी सेवा के लिए तत्पर नहीं है.
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दरअसल मुजफ्फरपुर
के अहियापुर के शांति अस्पताल में शनिवार को एक महिला मरीज की मौत के बाद आक्रोशित
परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में घुस कर दवा काउंटर,
डॉक्टर चैंबर और ऑपरेशन थियेटर में तोड़फोड़ की तथा अस्पताल में मौजूद डॉक्टर पर
हमला कर दिया. हमले की सूचना देकर वहां अस्पताल के स्टॉफ ने पुलिस से मदद मांगने
की कोशिश की थी. लेकिन आप ऑडियो में साफ सुन सकते हैं मदद के बदले बिहार पुलिस
क्या देती है.बिहार पुलिस बेशर्मी पर हमने बीप लगा दिया है.
क्या था मामला
अहियापुर के
मिठनपुरा निवासी लखिंद्र राय ने पुलिस को बताया कि उसके छोटे भाई राकेश कुमार की
पत्नी विभा देवी (20) को प्रसव पीड़ा
होने पर शुक्रवार की सुबह एसकेएमसीएच ले जाया जा रहा था. इसी दौरान एक युवक मिल,
जिसने खुद को शांति अस्पताल का कर्मी बताते हुए
वहां ले जाने की सलाह दी. अस्पताल में जाते ही डॉक्टर ने मरीज की हालत गंभीर बतायी
और ऑपरेशन के लिए 50 हजार रुपये जमा
करने को कहा. 22 हजार रुपये जमा
करने के बाद ऑपरेशन कर दिया गया. ऑपरेशन से विभा ने बच्ची को जन्म दिया. उसके बाद
महिला की हालत बिगड़ने लगी और देखते ही देखते महिला की मौत हो गई. मरीज की मौत के
बाद गुस्साए लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी और डॉ. मणिभूषण को पीटने
लगे. गंभीर हालत में डॉक्टर को नीजि अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. लेकिन
अस्पताल के स्टॉफ का कहना है कि पुलिस अगर वक्त पर आती तो हालात ऐसे नहीं होते.
हालांकि इस मामले को लेकर एसएसपी हरप्रीत कौर ने घटना की जानकारी मिलने पर थानेदार
से स्पष्टीकरण मांगा है.