PATNA : लोजपा में मची सिर फटौव्वल के बीच चिराग पासवान ने विधानसभा में महागठबंधन को मिली जीत पर सवाल उठा दिया है। चिराग ने तेजस्वी की जीत को कठघरे में खड़े करते हुए यह साफ किया कि उन्हें कामयाबी लोजपा के कारण मिली है। अपनी पार्टी और परिवार में सिर-फटौव्वल होने के बाद मीडिया के सामने उन्होंने कहा कि अगर लोजपा बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए के साथ रहकर लड़ी होती तो नतीजे बिल्कुल लोकसभा चुनाव की तरह होते। लगभग यही बात पशुपति पारस ने भी अपने प्रेस वार्ता के दौरान कही थी। इस दौरान चिराग ने यह भी साफ किया कि क्यों वह नीतीश कुमार के साथ चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे।
तेजस्वी की जीत पर सवाल
चिराग ने साफ कहा कि उनके कारण ही राजद और महागठबंधन को चुनाव में सौ से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हुई। जाहिर है कि चिराग यह कहना चाहते हैं कि तेजस्वी की जीत उनकी काबिलियत के कारण नहीं, बल्कि लोजपा के रहमोकरम के कारण हुई थी। चिराग के इस दावे का कारण विधानसभा चुनाव परिणाम में भी देखा जा सकता है। जहां ज्यादातर सीटों पर लोजपा के कारण जदयू को नुकसान उठाना पड़ा। एनडीए से अलग होने के बाद कई सीटों पर पिछड़ा वोट जदयू भाजपा की जगह लोजपा को मिला, वहीं राजद के परंपरागत वोट में कोई अंतर नहीं आया। जिसके कारण तेजस्वी की पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की। वहीं प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी रही नीतीश कुमार को सिर्फ 43 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा।
सीएम नीतीश के सात निश्चय को लेकर मतभेद
चिराग ने नीतीश कुमार से साथ अपने मतभेद को लेकर भी खुलकर बात की। चिराग ने बताया कि बिहार के विकास के लिए उन्होंने बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट नाम से विजन डॉक्यूमेंट बनाया था। यह पूरे बिहार से उनके सर्वे पर आधारित एक विचार है, जिसके जरिये बिहार का विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार इसे अपनाने को तैयार नहीं थी। इसी तरह मैंने सात निश्चय को लेकर भी सीएम से कहा था कि इस योजना के सहारे बिहार विकसित राज्यों की कतार में नहीं आ सकता है। लेकिन वह इसे मानने को तैयार नहीं थे। चिराग ने कहा कि हमारे मतभेद इतने बढ़ गए थे कि वे एनडीए के साथ तभी आ सकते थे, जब वे बिहार की चिंता छोड़कर नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक हो जाता। जो कि मंजूर नहीं था।
भाजपा के लिए अब भी सम्मान
अपनी पार्टी में गंभीर चुनौती का सामना कर रहे चिराग का भाजपा और केंद्र सरकार के प्रति अभी भी पुराना रवैया ही है। उन्होंने कहा कि वे खुलकर धारा 370, राम मंदिर और ऐसे सभी मुद्दों पर सदन में अपनी बात रखते रहे। उन्होंने कहा कि पार्टी आगे भी इसका अनुसरण करेगी। चिराग ने आज शाम दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे लोग सुविधाभोगी हैं और वे बिहार के लिए संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहते हैं।