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BIHAR POLITICS: राजद का 7 अगस्त को जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन, जातीय जनगणना और मंडल आयोग के मुद्दे पर देंगे धरना

BIHAR POLITICS: राजद का 7 अगस्त को जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन, जातीय जनगणना और मंडल आयोग के मुद्दे पर देंगे धरना

PATNA: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक राजद के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने 7 अगस्त को सभी जिलों में जातीय जनगणना के सवाल पर एवं निम्नलिखित बिंदुओं के साथ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन धरना एवं निम्नलिखित बिंदुओं के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन देने का कार्यक्रम बनाया है। श्याम रजक ने समस्त नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम से जुड़ने का आह्वान किया है।

वहीं जातीय जनगणना की आवश्यकता को लेकर श्याम रजक ने कहा कि इस देश में आदमी, जानवर, पशु, पक्षी सभी की गणना होती है। वहीं पिछड़े वर्ग के लोगों की गणना करने में केंद्र सरकार हिचकिचाती है। जबकि पूर्व में भारतीय जनता पार्टी भी इसकी मांग करते रही है। परंतु आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दबाव में अपनी मनुवादिता सोच के कारण गणना करने से हिचकिचा रही है। गणना हो जाने के उपरांत जब केंद्र और राज्य के विभिन्न मानवीय विकास के लिए बजट तय होंगे तो पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग को अपने आबादी के अनुरूप हिस्सेदारी देना होगा। लेकिन देश के आजादी के पूर्व और देश के आजादी के बाद भी अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग को आर्थिक न्याय नहीं मिल पाया। इसलिए आज समय की मांग भी है कि जातीय जनगणना आवश्यक है। इससे सभी वर्गों को लाभ होगा। 


इसके अलावा राजद की दूसरी मांग मंडल आयोग की सिफारिश को लागू कराने की है। 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार ने मंडल आयोग का गठन किया था। उस समय जनता पार्टी में जनसंघ का घटक भी शामिल था। परंतु इसे नाराज होकर जनसंघ घटक ने अपने को जनता पार्टी से अलग कर लिया और 1979 में जनता पार्टी की मोरारजी सरकार गिर गई। 12 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग ने अपने रिपोर्ट पेश कर दी थी। जिसमें समाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, कसौटियों को भी परखा गया था। देश की 3743 पिछड़ी जातियां है, जो भारत की जनसंख्या की आधी हिस्सा थी। पिछड़े वर्गों के लिए 27% आरक्षण की सिफारिश की गई थी। 1989 में वी.पी. सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी। जब उन्होंने 13 अगस्त 1990 को लालू यादव एवं शरद यादव के प्रयास से मंडल आयोग की अधिसूचना जारी हो गई। तत्पश्चात पुन: भारतीय जनता पार्टी ने इसके विरोध में सरकार से समर्थन वापस ले लिया। श्री वी०पी० सिंह जी के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।

अतः राष्ट्रीय जनता दल की मांग है कि मंडल आयोग की सभी सिफारिशों को लागू किया जाय। सरकार   ढिंढोरा पिटती है कि अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को नौकरी मुहैया करा रही है, परंतु आज तक अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को सरकारी नौकरी एवं विभिन्न संस्थानों में नहीं मिल पा रही है। जबकि केंद्र एवं राज्य में लाखों स्थान बैकलॉग मे रिक्त पड़े हैं। इसलिए राजद मांग करता है कि जातीय जनगणना, मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू व अनुसूचित जाति/जनजाति के बैकलॉग को तत्काल भरने की कार्रवाई जल्द से जल्द करें। 

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