पटना। बिहार विधान परिषद में राज्यपाल कोटे से मनोनित सदस्यों को लेकर नाराजगी का सिलसिला जारी है. जदयू नेताओं और जीतन राम मांझी के बाद अब वीआईपी चीफ और राज्य सरकार में पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी ने इस विषय को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। मुकेश सहनी ने कहा कि वीआईपी और हम को वादा किया गया था कि राज्यपाल कोटे से मनोनित होनेवाले सदस्यों में दोनों पार्टियों से भी मौका दिया जाएगा। लेकिन चयन करने के दौरान हमलोगों से चर्चा तक नहीं की गई।
उन्होने कहा कि ताली दोनों हाथ से बजनी चाहिए। उन्होंने जीतन राम मांझी की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि इससे निराशा हुई है, लेकिन भविष्य में इस तरह की गलती न हो, इस बात को लेकर ध्यान देने की जरुरत है। मांझी ने कहा कि अगर हमारे सिंबल पर एमएलसी नहीं बना सकते थे, तो हमारे लोगों को अपनी पार्टी से सदस्य बना देते। विधानसभा चुनाव के दौरान हमारी पार्टी के सिंबल पर बीजेपी नेताओं को मौका दिया गया था।
तेजस्वी को दिया जवाब
इस दौरान मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है और कहा है कि जिस तरह से वह एडीआर की रिपोर्ट लेकर पहुंचे थे तो एडीआर की रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में भी है ऐसे कुछ नया लेकर नहीं आए थे। कभी तेजस्वी यादव के अच्छे दोस्त रहे मुकेश सहनी ने बिहार में कोई भी मंत्री दागी या कोई भी मंत्री अपराधी होगा तो बिहार में खास करके कार्रवाई जरूर होगी। क्योंकि बिहार में बड़े से बड़े लोगों के ऊपर कार्रवाई हुई है। मुकेश सहनी का इशारा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की तरफ था, हालांकि उन्होंने खुलकर उनका नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जो केस होता है, उस पर भी मामला दर्ज होता है।