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आज पेश होगा बिहार का बजट : महागठबंधन की नीतियों की दिखेगी झलक, हो सकता है 2.72 करोड़ का बजट

आज पेश होगा बिहार का बजट : महागठबंधन की नीतियों की दिखेगी झलक, हो सकता है 2.72 करोड़ का बजट

PATNA : Bihar Budget: बिहार में महागठबंधन की सरकार 28 फरवरी को 2023-24 के लिए विधानमंडल के दोनो सदनों में बजट पेश करेगी. इस बार बजट का मुख्य फोकस रोजगार और शिक्षा होगा. वित विभाग मे बजट की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है। जानकारी के अनुसार इस साल का बजट पिछले साल की तुलना में दस फीसदी बड़ा होगा।

2.72 लाख करोड़ होने की संभावना

वित्त विभाग की सूत्रों कहना है कि अगले साल के बजट में कोई नयी योजनाएं और नये टैक्स लगाये जाने की संभावना नहीं के बराबर है. हालांकि बजट आकार बढ़ने के पुख्ता आसार है। चालू वित्तीय वर्ष का बजट आकार 2.37 लाख करोड़ है। जो वर्ष 2021-22 की तुलना में 10% अधिक है। अगले वित्तीय वर्ष के बजट आकार में 15-20% की बढ़ोतरी होने की संभावना है. बजट में 15% की बढ़ोतरी होती है तो यह बढ़कर 2.72 लाख करोड़ होने की संभावना है। इसमें स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद में व्यय 1.37 लाख करोड़ से बढ़कर 1.70 लाख करोड़ तक हो सकती है।

दिखाई देगी महागठबंधन की झलक

 इस बजट में महागठबंधन की नीति का छाप स्पष्ट रुप से दिखायी देगा. वर्तमान सरकार के मुख्य एजेडा में नौकरी और रोजगार है. शिक्षा विभाग सबसे अधिक नौकरी देने वाला है। अगले वित्तीय वर्ष मे सरकार शिक्षक बहाली की प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगी। नतीजतन शिक्षा विभाग के बजट मे सर्वाधिक बढ़ोतरी होने का अनुमान है। स्रोजगार को बढ़ावा देने वाली  उद्योगों  में बढ़ोतरी होने की संभावना है।

वहीं, यह बजट राज्य सरकार के सात निश्चय पार्ट-2 यानी युवा शक्ति बिहार की प्रगति, सशक्त महिला सक्षम महिला, हर खेत तक पानी, स्वच्छ गांव समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, कनेक्टिविटी होगी और आसान व सबके लिए सरकार के सात निश्चय पार्ट-2 के इर्द-गिर्द ही घुमता रहेगा।

वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण

इससे पहले बीते सोमवार को बिहार विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। यह बिहार का 17वां आर्थिक सर्वेक्षण है। वित्त मंत्री ने बताया कि आर्थिक विकास के मामले में बिहार ने तमाम राज्यों के साथ ही देश को भी पीछे छोड़ दिया है। 

2021-22 में देश की आर्थिक विकार दर जहां 8.68 प्रतिशत थी तो वहीं, बिहार में आर्थिक विकास की गति 10.98 प्रतिशत रही। दो राज्यों ने आर्थिक विकास में बिहार से मामूली बढ़त ली है, जि‍समें आंध्र प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। हालांकि, यह बढ़त दशमलव प्रतिशत में रही।

यही नहीं बिहार में सीमित संसाधनों के बाद भी प्रति व्यक्ति आय में भी बड़ा उछाल हासिल किया है। 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय में 64 सौ रुपये की वृद्धि के बाद प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 54,383 रुपये हो गई है। उन्होंने कहा बिहार की विकास दर 10.98 प्रतिशत की अपेक्षा यह मामूली बढ़त है। बिहार के लिए यह गौरव की बात है।


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