1.6 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
DARBHANGA :- मिथिला के केंद्र दरभंगा में बिहार का पहला तैरता बिजली घर लगभग बनकर तैयार हो गया हैं. वहीं सुपौल में दूसरे फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के मार्च तक बनने की जानकारी दी जा रही है. इस संबंध में बिहार सरकार के जल संसाधन एंव सूचना मंत्री संजय कुमार झा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके जानकारी साझा की है. मिनिस्टर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दरभंगा में बिहार का पहला तैरता बिजली घर बन कर तैयार है। दूसरा पावर प्लांट सुपौल में मार्च तक बनेगा. वहीं अपने एक अन्य ट्वीट में संजय कुमार झा ने लिखा है कि सुखद अहसास कराती ये तस्वीरें बिहार को विकसित प्रदेश बनाने के सीएम नीतीश कुमार के प्रयासों की राह में मील के पत्थर की तरह हैं।
मंत्री ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिसंबर 2019 में जल-जीवन-हरियाली यात्रा के दौरान तालाबों के जल के बेहतर उपयोग के लिए 'नीचे मछली, ऊपर बिजली' की योजना बनाने का निर्देश दिया था. यह बिहार की पहली ऐसी बहुद्देश्यीय परियोजना है, जिसमें सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ मछली पालन भी होगा।
पुराने इतिहास को दोहराएगा दरभंगा
जानकारी के अनुसार, इस सोलर प्लांट से 1.6 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. जिस तालाब में यह प्लांट तैयार किया गया है, उसी के बंगल में एक ओर दरभंगा का तारामंडल बनाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर वर्ष 1938 में बना उत्तर बिहार का पहला पावर हाउस का खंडहर है. दिलचस्प बात यह है कि इस तालाब में जितनी बिजली का उत्पादन होगा, उतनी ही बिजली का उत्पादन उस पावर हाउस में भी कभी हुआ करता था. ऐसे में, दरभंगा को एक बार फिर इतिहास दोहराने का अवसर मिला है.