बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने किया चमत्कार, तीन माह में महिला की दो बार करवा दी डिलीवरी

बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने किया चमत्कार, तीन माह में महिला की दो बार करवा दी डिलीवरी

SAMASTIPUR : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में  बिहार का स्वास्थ्य विभाग इतना बेहतर हो गया है कि उन्होंने प्रकृति को भी गलत साबित कर दिया है। जहां एक महिला बच्चे को पैदा करने में नौ माह का समय लगाती है, वहीं बिहार में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने चमत्कार करते हुए एक महिला को तीन माह में दो बार डिलिवरी करवा दी। दोनों ही बार महिला ने एक बेटे को जन्म दिया है। अब मामला सामने आने पर हर कोई हैरत में पड़ गया कि आखिर प्रकृति के नियमों के विरुद्ध ऐसा कैसे हो गया? 

मामला  समस्तीपुर जिले से जुड़ा हुआ है। जहां उजियारपुर सार्व‍जनिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र (PHC) का है. यहां एक महिला न आशा कार्यकर्ता के साथ मिलकर 9 महीने के बजाय महज 3 महीने 12 दिन के अंतराल पर दो बार मां बन गई. इससे भी ज्‍यादा हैरत की बात यह है कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने इस पर गौर तक नहीं किया. दिलचस्‍प है कि महिला ने दोनों बार उजियारपुर पीएचसी में ही प्रसव कराया था. इसके बावजूद न तो डॉक्‍टर ने और न ही किसी अन्‍य अधिकारी इस फर्जीवाड़े को पकड़ सके।

पहले 24 जुलाई और फिर 3 नवंबर को हुई डिलीवरी

स्वास्थ्य केंद्र के रिकॉर्ड के अनुसार, भ्रष्‍टाचार की आरोपी महिला उजियारपुर प्रखंड के हरपुर रेबाड़ी गांव की रहने वाली हैं. रेबाड़ी गांव की ही आशा कार्यकर्ता रीता देवी क सहेयाग से वह पहली बार 24 जुलाई को उजियारपुर पीएचसी में भर्ती हुई थीं। उसी दिन महिला ने बेटे को जन्‍म दिया था. वहीं महिला दोबारा से 3 नवंबर को उजियारपुर पीएचसी में ही भर्ती हुईं और 4 नवंबर को उन्‍होंने एक बार फिर से बेटे को जन्‍म दिया था. इसके बाद महिला को अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

दरअसल, 102 दिन के अंतराल में ही दो बार प्रेग्‍नेंट होकर 2 बच्‍चों को जन्‍म देने के पीछे सरकार द्वारा वाली महिला जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाला लाभ है। इसकी चाहत में आशा कार्यकर्ता के साथ मिलीभगत कर भ्रष्‍टाचार की इस घटना को अंजाम दिया। मामला उजागर होने के बाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में हड़कंप मच गया पहले बच्‍चे के जन्‍म के बाद महिला को जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत राशि प्रदान की गई थी। मामला उजागर होने के बाद सीएस डॉक्‍टर सत्‍येंद्र कुमार गुप्‍ता ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है।


Suggested News