बिहार की राजनीतिक पार्टियां सिर्फ छह जातियों को जानती हैं, A टू Z वाले नेता भी नहीं बता सकते हैं सही संख्या : पप्पू यादव

PATNA : बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर नीतीश कैबिनेट ने प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। इसके लिए 500 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत कर ली गई है। सभी पार्टियों में इसको लेकर क्रेडिट लूटने की होड़ मची हुई है। इन सबके बीच जाप प्रमुख पप्पू यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर बड़ी बात कह दी है। पप्पू यादव ने कहा है कि बिहार में सभी राजनीतिक पार्टियां जातियों की बात करती है। लेकिन जब उन्हें राजनीति में हिस्सा देने की बात होती है, तो यह सिर्फ छह जातियों के बीच सिमट कर रह गई है। बैकवर्ड में कुर्मी,यादव,कुशवाहा और फॉरवर्ड में भूमिहार ब्राह्मण,राजपूत बस इन्ही 6 जातियों का ख्याल रखा जाता है। बाकि न तो फॉरवर्ड में लाला को पूछा जाता है और बैकवर्ड में दूसरी जातियों को ज्यादा तरजीह दी जाती है।

बैठक में नहीं बुलाने पर बोले जाप नेता

पप्पू यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना के लिए हुए सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों को नहीं बुलाया गया। इसमें उन्हीं को बुलाया गया जो कुछ खास जातियों की जनगणना के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना कीजिए, सब साथ है, लेकिन बेरोजगारी, पलायन और शैक्षणिक जनगणना भी होनी चाहिए। 

जाप नेता ने कहा कि जातिगत जनगणना में सिर्फ जातियों और उपजातियों की गणना की बात की जा रही है जबकि मेरी मांग है कि इस जनगणना में आर्थिक, शैक्षणिक, बेरोजगारी और राजनीतिक भागीदारी को भी शामिल किया जाय।

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राजद के युवराज भी नहीं बता सकते

पप्पू यादव इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर बरसे। नेता प्रतिपक्ष से उन्होंने पूछा कि आपका जन्म कब हुआ है पता है आपको। बिहार में कितनी जातियां है पता है आपको। या फिर आप केबल 4 से 5 जातियों को ही जानते हैं जिनसे आपका फायदा होने वाला हो। उन्होंने कहा की समय समय की अनुसार ये लोग सत्ता में आने के लिए अपना समीकरण बदलते हैं। पहले दलित की बात करते थे फिर MY की बात करने लगे अब A टू Z की बात करते हैं।