DESK : यूपी में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ ने साफ कर दिया है कि यहां बिना आरक्षण के ही चुनाव कराए जाएंगे। हाई कोर्ट के इस फैसले से यूपी की योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है। जो ओबीसी को आरक्षण देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई थी। हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच के इस फैसले को लेकर जितनी चर्चा यूपी की राजनीति में हो रही है। उतनी ही चर्चा बिहार की राजनीति में भी हो रही है। यहां निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर ट्विटर पर दो बड़े नेताओं के बीच वार छिड़ गया है। जिसमें एक तरफ भाजपा के राज्यसभा सासंद व दूसरी तरफ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह रहे।
सुशील जी,
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) December 28, 2022
यूपी की चिंता क्यों ना करें ? बिहार में नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र और साजिश करते वक्त अपने बयानों का अध्यन किजिए। 1/3 https://t.co/GPVG1zU7W8
बोले सुशील मोदी - दरअसल, यूपी निकाय चुनाव को लेकर सुशील मोदी ने एक ट्विट किया था। जिसमें उन्होंने यूपी को लेकर बिहार के नेताओं के लिए लिखा था कि UP की चिंता न करें ।बिना OBC आरक्षण के चुनाव नहीं होगा ।योगी सरकार OBC आरक्षण के लिए ही सुप्रीम कोर्ट जा रही है ।नरेंद्र मोदी के रहते कोई आरक्षण ख़त्म नहीं कर सकता।
बीजेपी का असली चेहरा बेनकाब हुआ
अब सुशील मोदी के इस ट्विट पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने लिखा है कि सुशील जी, यूपी की चिंता क्यों ना करें ? बिहार में नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र और साजिश करते वक्त अपने बयानों का अध्यन कीजिए। सर्वोच्च न्यायालय गए बिना श्री नीतीश कुमार जी समय पर अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण व्यवस्था के साथ चुनाव संपन्न करवा रहे हैं। जबकि अति पिछड़ा आरक्षण समाप्त करवाने और चुनाव रुकवाने के लिए बीजेपी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा तक खटखटाने की साज़िश रची लेकिन असफल रहे।
बिहार-यूपी के बाद अब तो देशभर में भाजपा और मा. श्री @narendramodi जी का आरक्षण विरोधी चेहरा बेनकाब हो ही गया।