नीतीश सरकार के शोभन वाली जमीन पर ही बनेगा बिहार का दूसरा एम्स, केंद्र सरकार ने जताई सहमति, नई डिजाइन पर लगी मुहर...

PATNA: बिहार को जल्द ही उसका दूसरा एम्स मिल जाएगा। जानकारी अनुसार दरभंग एम्स का विवाद अब खत्म हो गया है। बिहार सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। साथ ही शोभन में एम्स की नई डिजाइन पर मुहर भी लग गई है। माना जा रहा है कि, जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।
दरअसल, मिली जानकारी के अनुसार दरभंगा के शोभन में एम्स की नई डिजाइन पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है। केंद्र सरकार इस मामले में राज्य सरकार के प्रस्ताव से सहमत हो गई है। वहीं राज्य सरकार के प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार नीची भूमि (लो लैंड) के हिसाब से रि-स्ट्रक्चर करने में जुट गई है। माना जा रहा है कि, जल्द ही केंद्र द्वारा टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
मालूम हो कि, नीतीश सरकार ने शोभन बाइपास में बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का नया प्रस्ताव 7 दिसंबर 2023 को केंद्र को दिया था। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत व संयुक्त सचिव सुधीर कुमार नया प्रस्ताव को लेकर दिल्ली गए थे। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत को प्रस्ताव सौंपा था। प्रस्ताव में केंद्र सरकार की आवश्यक शर्तों को राज्य सरकार ने मान ली थी, जिसके बाद केंद्र सरकार राज्य सरकार से सहमत हो गई है।
केंद्र सरकार की आवश्यक शर्तों में दरभंगा एम्स को फोरलेन की कनेक्टिविटी, जमीन समतल कर बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करना शामिल था। केंद्र से अनुरोध किया गया था कि दरभंगा में ऐसी डिजाइन का एम्स बने जो स्थानीय जरूरतों को पूरा करें। जिसे राज्य सरकार ने पूरा कर लिया है। वहीं अब दरभंगा के शोभन में एम्स की नई डिजाइन पर मुहर लग गई है।
गौरतलब हो कि, वर्ष 2015 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार में दूसरा एम्स बनाने की घोषणा की थी। पांच साल बाद 2020 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय कैबिनेट से दरभंगा में एम्स बनाने की मंजूरी दी गई तो राज्य सरकार ने जमीन चिह्नित करने का काम शुरू किया। पहले डीएमसीएच अस्पताल परिसर में एम्स बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने पास किया। लेकिन, बाद में राज्य सरकार ने पाया कि एक ही परिसर में दो-दो अस्पताल बनने से यह साधारण अस्पताल बनकर रह जाएगा। जिसके बाद राज्य सरकार ने शोभन में दूसरा एम्स बनवाने का निर्णय लिया था।