पटना. इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना संजोकर कोटा में पढ़ाई करने वाले बिहार के छात्रों के आत्महत्या के मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं. एक बार फिर से ऐसे ही एक मामले में एक छात्र ने अपना सपना पूरा करने के पहले ही आत्महत्या कर ली. बिहार से जेईई एग्जाम की तैयारी करने कोटा गए छात्र की उम्र मात्र 18 साल बताई जाती है जो कुछ महीने पहले ही कोटा गया था. बुधवार सुबह कोटा के माहवीर नगर थाना क्षेत्र स्थित किराए के मकान में युवक का शव मिला.
मृतक युवक की पहचान बिहार निवासी वाल्मीकि जांगिड़ के रूप में हुई है. वह किराए के कमरे में रहकर एक कोचिंग से जेईई एग्जाम की तैयारी कर रहा था. वह अपने कमरे में मरा हुआ मिला ।18 साल का वाल्मीकि कुछ महीनों पहले ही कोटा आया था । संभावना जताई जा रही है कि उसने मंगलवार देर रात सुसाइड कर लिया । आज सवेरे जब उसके दोस्त उसे कोचिंग ले जाने के लिए वहां पहुंचे तो उसने दरवाजा नहीं खोला। कोचिंग संचालक को सूचना दी गई तो उसने पुलिस बुलाई और सभी ने मिलकर जब दरवाजा तोड़ा। वाल्मीकि जांगिड़ का शव वहां पड़ा हुआ था । वह मूलतः बिहार के गया का रहने वाला था. घटना के बाद पुलिस ने बिहार में रहने वाले परिवार को सूचना दी है। परिवार बिहार से रवाना हो गया है।
कोटा में इस तरह से छात्रों के सुसाइड करने का सिलसिला थम नहीं रहा है. पिछले एक वर्ष की बात की जाए तो पुलिस रिकॉर्ड में ऐसे 22 छात्रों ने आत्महत्या किया है. इनमें ज्यादातर पढाई में प्रतिस्पर्धा और नंबर एक बने रहने की होड़ को नहीं झेल पाते हैं. ऐसे छात्रों की बड़ी संख्या है जो बिहार में कोटा जाते हैं और वहां कई बार अपने सपने को पूरा नहीं होता देख मौत को गले लगा लेते हैं.
पिछले 25 दिनों में ही कोटा में छात्रों की आत्महत्या का यह तीसरा मामला है. ऐसे में कोटा में छात्रों की पढाई के साथ ही उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए जागरूकता की बातें भी की जाने लगी हैं ताकि इस तरह से युवा मौत को लगे ना लगाएं.