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बिहार शिक्षक बहाली : न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करके अवमानना तरीके से कार्य कर रहा है विभाग

बिहार शिक्षक बहाली : न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करके अवमानना तरीके से कार्य कर रहा है विभाग

पटना...  बिहार में करीब 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी बिहार सरकार को करनी है। गत वर्ष 15 दिसंबर 2020 को पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि 23 नवंबर 2019 से पूर्व सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाएं और जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करें, लेकिन इसके बावजूद बिहार सरकार बहाली करने को लेकर अड़ियल रवैया अपना रखी है। अगर बिहार सरकार कोर्ट के निर्देश को नहीं मानती है ताे यह बिहार सरकार सीधे उच्च न्यायालय की अवमानना करती है।

गौरतलब है कि गत वर्ष न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने नीरज कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर 15 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने फैसला सुनाया था। एकलपीठ के इस आदेश के साथ ही उक्त बहाली मामले में होने वाली नियुक्ति पर लगी रोक भी खुद ब खुद खत्म हो गई। उसे आप जजमेंट के सबसे आखिरी पैरा में देख सकते हैं। 


हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब शिक्षा विभाग की ओर से जल्द ही नियोजन इकाईयों को नियुक्ति पत्र बांटने समेत सभी प्रक्रिया पूरी करने का शिड्यूल जारी तो किया गया, लेकिन ये कहा गया कि काउंसेलिंग की डेट बाद में जारी की जाएगी। अब शेड्यूल की प्रक्रिया को तय समय में पूरा नहीं करने और काउंसेलिंग की तारीख नहीं देने पर अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश पनप गया है। 

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्रा ने बताया कि निर्णय के पैराग्राफ 36 में, उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से राज्य को चयन प्रक्रिया को पूरा करने और नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है, क्योंकि मामले में देरी हुई है। इस कारण से, उच्च न्यायालय ने राज्य को चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। अब, राज्य से यह अपेक्षा की जाती है कि वह चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप दे, पारदर्शी चयन के लिए काउंसेलिंग की तारीख को प्रकशित करे और उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी करके प्रक्रिया को पूर्ण करे। लेकिन, राज्य उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करके अवमानना तरीके से कार्य कर रहा है। चयन प्रक्रिया को पूरा नहीं करने से, बिहार सरकार सीधे उच्च न्यायालय की अवमानना करती है। 

पटना से मदन कुमार की रिपोर्ट...



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