PATNA: बिहार सरकार के अफसरों को पता हीं नहीं है कि माननीय मंत्री किस विभाग को संभाल रहे हैं। हद तो तब हो गई जब कला संस्कृति विभाग को हीं पता नहीं कि उनके मंत्री कौन हैं...भले हीं आपको यह बात अटपटा लग रहा हो लेकिन यह खबर पूरी तरह से सही है।
नीतीश सरकार के अधिकारी किस कदर लपारवाह हैं वे सार्वजनिक तौर पर सरकार की फजीहत करा देते हैं।मामला कला संस्कृति विभाग से जुड़ा है।जहां एक सरकारी विज्ञापन में कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार को पर्यटन विभाग का मंत्री बता दिया गया है।विज्ञापन सभी अखबारों में प्रकाशित भी हो गई।फिर भी अधिकारियों का ध्यान उस पर नहीं गया।
दरअसल 17 अगस्त को कला संस्कृति विभाग और गया जिला प्रशासन की तरफ से पर्वत पुरूष दशरथ मांझी महोत्सव का आयोजन किया जाता है। विभाग की तरफ से सभी अखबारों में 17 अगस्त को बड़ा-बड़ा विज्ञापन छपवाया गया। उस विज्ञापन ने सरकार की भद्द पिटवा दी।जिस विभाग ने विज्ञापन छपवाया उसी ने अपने मंत्री जी की भद्द पिटवा दी।
कार्यक्रम का उदघाटनकर्ता कला संस्कृति विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार को बनाया गया था जबकि विज्ञापन में कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार को पर्यटन विभाग का मंत्री बताया गया था।