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परिवहन विभाग की पहल, अब व्यावसायिक वाहनों में हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट की नहीं होगी जरुरत

परिवहन विभाग की पहल, अब व्यावसायिक वाहनों में हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट की नहीं होगी जरुरत

PATNA : वाहन मालिकों के लिए अच्छी खबर है।अब हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट लेने से वाहन मालिकों को राहत मिलेगी।नियम में बदलाव करते हुए परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस में सहूलियत दी गई है। परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि नए प्रावधान के अनुसार अब आठ साल तक कॉमर्शियल वाहनों को वार्षिक फिटनेस से राहत मिलेगी। यह नया प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। फिटनेस प्रमाण पत्र दो साल के लिए मान्य होगा। 

परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला के अनुमोदन के बाद परिवहन सचिव ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। पहले के प्रावधान के अनुसार नए या पुराने वाहनों को दो वर्ष के बाद हर साल फिटनेस लेना पड़ता था।  इससे वाहन मालिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। 

अब नए वाहनों के पंजीकरण के समय दो साल के लिए वाहन को दुरुस्त माना जायेगा । पहला फिटनेस दो वर्षों के बाद दो वर्षों के लिए प्राप्त होगा। वाहनों को रजिस्ट्रीकरण की तिथि से दो वर्ष के लिए ठीक हालत में माना जायेगा। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी जब वाहन की उम्र 8 वर्ष न हो जाए। आठ वर्ष के बाद ऐसे वाहनों को हर वर्ष फिटनेस लेना होगा। वाहन फिट रहने पाये जाने पर ही इसका परिचालन किया जा सकता है। 

वाहन मालिक और विभाग दोनों को सुविधा

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि फिटनेस नियमों में आठ साल तक वाहनों को दो साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट दिए जाने से वाहन मालिक और विभाग दोनों को ही सुविधा मिलेगी। नए नियम से प्रदेश के करीब 10 लाख कॉमर्शियल वाहन स्वामी लाभान्वित होंगे। 

बता दें कि वर्तमान में हर व्यावसायिक वाहन को दो साल के बाद हर साल वाहन का फिटनेस टेस्ट कराना पड़ता है। नए नियम से आठ साल पुराने वाहन भी दो दो साल के लिए सर्टिफिकेट लेंगे, जिससे उन्हें हर साल नहीं आना पड़ेगा। आठ वर्ष तक पुराने वाहनों की दशा में दो वर्ष एवं आठ वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए एक वर्ष पर वाहनों के ठीक होने का प्रमाण पत्र की आवश्यकता का निर्धारण किया गया है।  

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