पटना : बिहार में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। विपक्षी पार्टियां भले ही कोरोना संक्रमण में चुनाव टालने की वकालत कर रही हैं, लेकिन सभी दल युद्ध स्तर पर चुनावी तैयारी में जुटी हुई हैं। सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी कुछ समय से चुनावी तैयारी में व्यस्त है।
पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस के एक हजार से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग है। उसके 2 दिन बाद बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी पटना पहुंच गए। 2 दिनों तक वे पार्टी नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की। इसके साथ ही वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन भी किया ।शक्ति सिंह गोहिल ने वरिष्ठ नेताओं को निर्देश दिया है कि उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उसे दृढ़तापूर्वक करें।
शक्ति सिंह गोहिल रविवार की शाम ही दिल्ली चले गए। दिल्ली जाने से पहले पार्टी नेताओं को बिहार ओरभरी ने टास्क भी दिया है।शक्ति सिंह गोहिल ने दिल्ली जाने से पहले अपने सभी वरिष्ठ नेताओं को कहा है कि आप लोग उन विधानसभा सीटों का चयन करें जहां पर 2015 में जेडीयू चुनाव लड़ी थी।इसके बाद यह भी देखें कि उन सीटों पर राजद की मजबूत दावेदारी तो नही?जिस पर राजद की मजबूत दावेदारी नहीं हो उसकी सूची तैयार करें। राजद के कैंडिडेट जिन सीटों पर तीसरे नंबर पर थे उन्हें तत्काल चिन्हित करें ताकि उस पर काम शुरू किया जा सके।
मतलब साफ है की कांग्रेस की कोशिश है की 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 2015 में मिली सीट से अधिक पर अपनी दावेदारी पेश कर सके। 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के भीतर कांग्रेस को 41 सीटें मिली थी ।तब सत्ताधारी जदयू भी महागठबंधन की सहयोगी थी। इस बार कई कांग्रेस नेताओं ने भी साफ साफ कहा है कि पार्टी को पिछली बार से इस बार अधिक सीटे मिलनी चाहिए।