बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिहार विधानसभा चुनाव 2020: सभी राजनीतिक दलों की निगाहें सीमांचल की सीटों पर, 24 सीटों पर इस बार समीकरण बदले

बिहार विधानसभा चुनाव 2020: सभी राजनीतिक दलों की निगाहें सीमांचल की सीटों पर, 24 सीटों पर इस बार समीकरण बदले

पटना... बिहार चुनाव में दो दौर का मतदान हो चुका है और तीसरे चरण में भारी पड़ने के लिए सियासी दलों के बीच जंग जारी है। तीसरे और आखिरी चरण के मतदान में सभी राजनीतिक दलों की निगाहें सीमांचल इलाकों पर टिकी हैं। 24 सीटों वाले सीमांचल में इस बार समीकरण बदले हैं, लिहाजा चुनौती तमाम दलों के सामने है, क्योंकि सत्ता का रास्ता सीमांचल होकर ही जाएगा। 

चुनावी बिसात पर दो बाजियां लग चुकी हैं, अब तीसरे की बारी है। तीसरे चरण के रण में सबसे अधिक सीटें कोशी और सीमांचल की हैं। लिहाजा सत्ता के लिए सियासत ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। अंतिम  चरण में एनडीए की शाख दाव पर है। सीमांचल में सबसे ज्यादा सीटों पर कब्जा जेडीयू का हैं।

सीमांचल की 15 से 17 सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। कुछ ऐसी भी सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदान परिणाम को प्रभावित करते हैं। लिहाजा तेजस्वी के सामने भी सीमांचल में खासी चुनौती है। 

अंतिम चरण में एनडीए की शाख दाव पर लगी है, जहां जेडीयू का सबसे अधिक सीटों पर कब्जा है तो आरजेडी सबसे ज्यादा चुनावी मैदान में है। एआईएमआईएम के दखल से महागठबंधन की नींद उड़ी हुई है। पिछले चुनावों में औवेसी की पार्टी 6 सीटों पर मैदान में थी और सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2019 में किशनगंज सीट पर हुए उपचुनाव में एआईएमआईएम ने बिहार में अपना खाता खोल दिया था। 

सीमांचल के 4 जिलोें में मुस्लिम मतदाताओं के आंकड़े को देखें तो पूर्णियां में 35 प्रतिशत, कटिहार में 45 प्रतिशत, अररिया में 51 प्रतिशत तो किशनगंज में 70 प्रतिशत मतदाता मुस्लमान हैं। यकीनन 2020 के दंगल में एनडीए और महागठबंधन के बीच में सीधी टक्कर है, लेकिन कई ऐसे दूसरे लोग हैं जो इनकी जीत का जायका बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में जाहिर है सीमांचल में जीत उसी की होगी जो जमीनी हकीकत को समझेगा।


Suggested News