NEWS4NATION DESK : 90 बीघा जमीन पर कब्जे की लड़ाई में हुए नरसंहार ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उम्भा सिपाही गांव में 17 जुलाई को जमीन पर कब्जे की लड़ाई में ग्राम प्रधान यज्ञदत्त और उसके करीबियों ने कई लोगों की जान ले ली। इस नरसंहार ने उत्तर प्रदेश सहित हिंदुस्तान की सियासत को हिला कर रख दिया।
आखिर यह जमीन थी किसकी? विवाद हुआ तो क्यों हुआ? ग्राम प्रधान को जमीन लिखी किसने? किसने ली थी जमीन और किसे हस्तांतरित किया गया था ?आखिर इसका बिहारी कनेक्शन क्या है?
जी हां बता दें सोनभद्र के उम्भा सिपाही गांव के 90 बीघा जमीन, जिसे ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त ने एक आईएएस से खरीदी थी और उस पर कब्जा जमाना चाहता था। दरअसल वह जमीन बिहार के भागलपुर जिले के बिहपुर प्रखंड स्थित अमरपुर गांव निवासी आईएएस अधिकारी भानु प्रताप शर्मा की थी।
1989 में आदर्श सोसायटी ने बिहार कैडर के 1981 बैच के आईएएस भानु प्रताप की पत्नी विनीता शर्मा के नाम हस्तांतरित किया की थी।
गौरतलब है कि जिस वक्त भानु प्रताप शर्मा ने अपनी पत्नी से के नाम आदर्श सोसाइटी से यह जमीन हस्तांतरित करवाई थी उस समय भी स्थानीय लोगों ने इसका भारी विरोध किया था।
बड़ा सवाल यह है की गोंड आदिवासियों की जमीन जिस पर उनका पुश्तैनी कब्जा था, उसे आदर्श सोसायटी ने आईएएस भानु प्रताप शर्मा की पत्नी विनीता शर्मा के नाम हस्तांतरित कैसे किया?
दूसरा सवाल यह है कि आखिर आईएएस भानु प्रताप ने लगातार विरोध कर रहे गोंड आदिवासियों से पीछा छुड़ाने के लिए 2 साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त को अपनी जमीन औने -पौने दाम पर क्यों बेच दी।
संभवत नरसंहार का मुख्य आरोपी यज्ञ दत्त की गिरफ्तारी होने के बाद जल्द इन सवालों का जवाब मिल जाएगा कि आखिरकार इतने बड़े भूखंड का हस्तांतरण एक आईएएस की पत्नी के नाम से कैसे हो गया।
भानु प्रताप शर्मा फिलहाल बैंक्स ब्यूरो ऑफ इंडिया के चेयरमैन हैं और अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में रहते हैं
जमीन के खरीद बिक्री पर लगातार उठ रहे सवालों को लेकर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने इसके जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं कि आखिर आदिवासियों की इतनी बड़ी जमीन आईएएस के नाम से कैसे स्थानांतरित हो गई। ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त ने यह जमीन कितने में और कैसे खरीद ली ।
बता दें इसी जमीन पर कब्जे को लेकर 17 जुलाई को मुरतिया गांव के ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त अपने हथियारबंद लोगों के साथ सोनभद्र के उमरा सिपाही गांव कब्जा करने पर जमीन को कब्जा करने पहुंचा। जब आदिवासियों ने विरोध किया तो यज्ञ दत्त और उसके साथियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 10 लोगों को को मौके पर ही मार दिया।