कश्मीर में 14 मजदूरों को बंधक बनाये जाने से बिहार में हड़कंप मच गया है। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि अररिया जिले से मजदूरी करने गए 14 मजदूरों को कश्मीर में बंधक बना लिया गया है। बंधक बनाये गये मजदूरों में से ही किसी तरह 4 मजदूर भागकर अररिया पहुंचे और पूरी आपबीती सुनायी। शिवकुमार मंडल, राजेश ऋषिदेव, चुनना ऋषिदेव और संजीत ऋषिदेव ने बताया कि हमलोग मजदूरी करने कश्मीर गये थे लेकिन वहां पर हमलोगों के साथ गलत सलूक किया गया और हमें न तो पर्याप्त मजदूरी दी गयी और न ही अन्य सुविधाएं मिलीं। साथ ही बंधक बनाकर जबरन काम लिया जाने लगा।
उनलोगों ने बताया कि वहां हमलोगों को खाने के भी लाले पड़ गये। ढकिया गांव के महेंद्र ऋषिदेव ने बताया कि गांव के ही नंदलाल ऋषिदेव एवं मोहरु ऋषिदेव ने 14 मजदूरों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मजदूरी देने की बात कही थी। कटिहार जंक्शन पर पहुंचने के बाद दोनों मजदूरों के दलालों ने सभी को सिमराहा थाना इलाके के झिरुवा मधुलता गांव के इश्तियाक आलम व एक अन्य दलाल के हाथों बेच दिया। दोनों दलाल मजदूरों को लेकर कश्मीर गये। कई माह तक काम करने के बाद जब मजदूरी नहीं मिली तो चारों मजदूर भागकर किसी तरह अपने गांव पहुंचे। इधर, बंधक बनाये गये मजदूरों के परिजन स्थानीय थाना पहुंचे और बंधक बनाये गये मजदूरों को छुड़वाने की गुहार लगायी लेकिन पुलिस ने उन सब को डांट-फटकारकर भगा दिया। स्थानीय पुलिस का कहना था कि मामला लेबर विभाग से जुड़ा हुआ है, इसलिए तुमलोग वहीं जाओ। इधर, श्रम अधीक्षक जावेद रहमत ने कहा कि यह कैसे संभव है। यह पूरा मामला विधि-व्यवस्था का है।
इस बीच परिजनों ने शनिवार को
एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगायी। एसपी धूरत सायली ने मामले की गंभीरता को
देखते हुए पुलिस की एक टीम को कश्मीर भेजा है। एसपी ने कार्रवाई का भरोसा दिया तब
जाकर परिजनों ने चैन की सांस ली और घर वापस लौटे। अक्सर देखा जाता है कि ज्यादा
पैसे कमाने के लालच में मजदूर दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं और फिर उनके साथ
अमानवीय व्यवहार की घटना सामने आती है।