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BJP ने फिर खोली 'सुशासन' की पोल,जहरीली शराब से लोगों की जान गई, अब शुरू हुआ पुलिस का खौफ, परिजनों पर मुंह न खोलने का भारी दबाव

BJP ने फिर खोली 'सुशासन' की पोल,जहरीली शराब से लोगों की जान गई, अब शुरू हुआ पुलिस का खौफ, परिजनों पर मुंह न खोलने का भारी दबाव

जहरीली शराब की भेंट चढ़े सात और बिहारवासी

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक राजीव रंजन ने नालंदा शराब कांड पर घेरा 

PATNA : बिहार में भाजपा और जदयू के बीच चल रही तकरार में शनिवार को एक और बड़ा मुद्दा मिल गया। जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायवसाल ने शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए सरकार को जमीनी हकीकत से अंजान बताया था। वहीं जिस तरह से शनिवार को मुख्ममंत्री के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से छह लोगों की मौत के बाद भाजपा एक बार फिर से आक्रमक हो गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक राजीव रंजन ने नालंदा शराब कांड पर सरकार को घेर लिया है। 

उन्होंने कहा है कि  बिहार में प्रशासनिक सुस्ती से अवैध शराब का कारोबार फैली जड़ों ने लगभग 7 और जिंदगियों को लील लिया है। नालंदा के बिहारशरीफ स्थित छोटी पहाड़ी तीन लोगों का जीवन जहां जहरीली शराब की भेंट चढ़ गया है वहीं कई लोगों की सांसें जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हैं।  छोटी पहाड़ी के पास स्थित सिदारहाट व हबीपूरा गांव से भी एक-एक व्यक्ति की मृत्यु होने की सूचना मिली है।

इसके अलावा मानपुरा के प्रभुबीघा गांव में भी दो लोगों के जहरीली शराब पीकर मरने की खबरें आयी हैं, जिनका ठीकरा पुलिस प्रशासन द्वारा किसी गुमनाम बीमारी पर फोड़ा जा रहा है। इनकी मृत्यु रात में हुई और तड़के सुबह ही आनन फानन में इनका दाह-संस्कार करवा दिया गया। प्रश्न उठता है कि यदि इनकी मृत्यु बीमारी से हुई थी तो अंतिम संस्कार में इतनी हड़बड़ी क्यों की गयी।

हरगामा गांव में भी अवैध शराब द्वारा कम से कम दो लोगों के मरणासन्न अवस्था में इलाजरत होने की बात सामने आ रही है।  इसके अतिरिक्त कागजी मुहल्ले में डॉ वीरेन के यहां भी दो आदमी भर्ती हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक कागजी मुहल्ले जैसे अन्य कई मुहल्लों में ऐसी घटनाएं सामान्य हो गयी है। लोग जहरीली शराब पीकर मरते हैं या मृत्यु के दरवाजे पर पहुंच जाते हैं। डर के मारे यह लोग अपना इलाज भी ढंग से नहीं करवा पाते।

छोटी पहाड़ी की घटना में भी कम से कम 10-15 लोगों के मरने और 30-35 लोगों के बीमार होने की बात उठ रही है।  वहीं इस घटना के शिकार लोगों और उनके परिजनों पर तो दोहरी मार पड़ रही है। एक अपने परिजनों के खोने का दुःख, ऊपर से पुलिस प्रशासन का खौफ। लोग बता रहे हैं कि छोटी पहाड़ी में चप्पे चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है। लोगों पर मुंह न खोलने का भारी दबाव है। जनता अकुलाहट से भरी हुई है।


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