बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने फॉर्च्यूनर गाड़ी में रूपये बरामद होने के आरोप को किया खारिज, यह हम गरीब आदमी, राजद ने रची साजिश

बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने फॉर्च्यूनर गाड़ी में रूपये

PATNA : लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में 1 जून को होने वाले चुनाव की प्रचार प्रसार अभियान जोर शोर से शुरू हो गई है। सभी पार्टियां शाम दंड भेद और धन बल का प्रयोग मतदाताओं को लुभाने और खरीद फरोख्त का खेल शुरू कर दिए है। बीते कल पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के विक्रम प्रखंड के आसपुरा लख के पास पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान एक ब्लैक रंग के काले फॉर्च्यूनर गाड़ी नंबर BR 02BA 0009 से 6 लाख 22 हजार 500 रुपए बरामद किए गए। सवाल यह उठ रहा है की गाड़ी में बीजेपी, लोजपा और हम पार्टी के सैकड़ों की संख्या में झंडे आखिर किसके है ? इस मामले में पक्ष विपक्ष ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है। आखिर राजद और बीजेपी की आरोप कितने सही है ?

राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बीजेपी और रामकृपाल यादव पर सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा की यह पैसे और गाड़ी रामकृपाल यादव के बेटे की है। जिसमें बड़े पैमाने पर नगदी और सैकड़ों की संख्या में बीजेपी,लोजपा और हम पार्टी झंडे भी थे। जोकि लोकसभा चुनाव में उपयोग करने के लिए लाए जा रहे थे। पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान बरामद की गई 6.22 लाख रुपए और तीन सौ से अधिक झंडे रामकृपाल यादव के ही है। जिसे बड़े पैमाने पर लोकसभा चुनाव में  धनबल के तौर पर उपयोग करने के लिए लाए जा रहे थे। 

उधर दूसरी तरफ पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के वर्तमान सांसद एवं लोकसभा प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने अपने ऊपर राजद द्वारा लगाए जा रहे आरोप का जोरदार खंडन करते हुए इसे राजद की गहरी साजिश करार दिया है। उन्हें फंसाने की कोशिश बताया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम गरीब के बेटा है। हमारे पास इतने पैसे कहाँ से आयेंगे। राजद द्वारा ही गाड़ी में पैसे और झंडे रखकर कर हमें फसाने की साजिश रची गई  है। जिसमें पैसे  और झंडे रखकर हमें बदनाम करने की कोशिश किया गया है।

उधर दूसरी तरफ पालीगंज डीएसपी उमेश्वर चौधरी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एक बिक्रम के आसपुरा लख से काले रंग की फॉर्च्यूनर कार से वाहन चेकिंग के 6.22 लाख रुपए के साथ तीन सौ से अधिक की संख्या में झंडे बरामद किया गया है। यह गाड़ी समस्तीपुर के प्रशांत पंकज नाम के आदमी की है। जिसकी पूरी तरह से गहन जांच किया जा रहा है। वैसे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी, लोजपा और हम पार्टी के झंडे बताए जा रहे हैं। वैसे पुलिस भी पूरी तरह इस मामले की खुलासे खुलकर नहीं किया है। कल मजिस्ट्रेट की भूमिका भी संदेहास्पद रही थी। क्योंकि काफी देर तक इस मामले की दबाने की कोशिश किया गया। वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों ने इसकी सूचना मिलते ही इसकी पुष्टि करनी चाही तो सीओ सह मजिस्ट्रेट ने पत्रकारों को नजदीक से खबर बनाने से रोकने की कोशिश की।

पटना से अमलेश की रिपोर्ट