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सहयोगी दलों से रिश्ते सुधारने की क़वायद तेज, उद्धव ठाकरे से मिलेंगे अमित शाह

सहयोगी दलों से रिश्ते सुधारने की क़वायद तेज, उद्धव ठाकरे से मिलेंगे अमित शाह

NEW DELHI : हाल ही में देशभर में हुए चुनावों में अपने सामने एकजुट विपक्ष को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी अब रूठे हुए सहयोगियों को मनाने में लग गई है। संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत बीजेपी  अध्यक्ष अमित शाह अब शिवसेना  अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके निवास पर बुधवार को मुलाकात करेंगे। अमित शाह की यह मुलाकात इसलिए भी बेहद अहम है, क्योंकि शिवसेना ने कहा है कि वह 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अमित शाह रूठे ठाकरे को मनाने की कोशिश करेंगे। इस मुलाकात में दोनों नेता 2019 चुनावों से पहले गठबंधन की संभावनाओं के बारे में चर्चा करेंगे। 

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गौरतलब है कि काफी समय से दोनों पार्टियों के तनातनी बनी हुई है। उद्धव ठाकरे लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की बात कह चुके हैं। दरअसल, गठबंधन के साथी शिवसेना और बीजेपी ने बीते दिनों राज्य की पालघर विधानसभा में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। बता दें कि बीते साल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सार्वजनिक रूप से बीजेपी से उपजे मतभेदों के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरने की बात कही थी। ऐसे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर जोर दिया है।

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जुलाई में होगा मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार
कहा जा रहा है कि जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो मंत्रिमंडल का विस्तार है वह इस सरकार चौथा और आखिरी विस्तार हो सकता है. पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्यों के सियासी समीकरण और सहयोगियों को साधने के लिए शीर्ष स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है. पार्टी नेताओं का कहना है कि इस संबंध में सहयोगी दलों से भी बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाएगा.  बता दें कि पिछले साल सितंबर में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया था. साथ ही एक कैबिनेट रैंक पर सहमति न बनने के कारण शिवसेना की हिस्सेदारी भी मंत्रिमंडल में बढ़ नहीं पाई थी. उस दौरान अन्नाद्रमुक को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने पर चर्चा हुई थी, लेकिन पार्टी में दो धड़ों के बीच मतभेद के चलते इस पर अंतिम फैसला नहीं हो सका था. कहा जा रहा है कि अब संभावित विस्तार में एनडीए के नए साथियों को प्रतिनिधित्व देने और नाराज साथियों को मनाने की कोशिश की जाएगी.

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