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मिशन 2019 की तैयारी में जुटी बीजेपी, चुनावी रणनीति को लेकर हर राज्य में बन रहा है वॉर रूम

मिशन 2019  की तैयारी में जुटी बीजेपी, चुनावी रणनीति को लेकर हर राज्य में बन रहा है वॉर रूम

NEW DELHI : बीजेपी ने मिशन 2019 पर काम करना शुरू कर दिया है। देश के सभी राज्यों में बीजेपी चुनावी रणनीति बनाने के लिए 'वॉर रूम' स्थापित कर रही है। इनमें से अधिकतर 'वॉर रूम' ने 15 अगस्त से काम करने शुरू कर दिया है। देश के प्रत्येक राज्य की राजधानी में 'राज्य संपर्क केंद्र' के नाम से बीजेपी ने 'वॉर रूम' बनाया है। ये सभी 'वॉर रूम' डेटा कलेक्शन करके केंद्रीय वॉर रूम को भेजेंगे, जो बीजेपी के पुराने मुख्यालय 11 अशोक रोड दिल्ली को बनाया गया है। केंद्रीय 'वॉर रूम' ने पहले ही 300 लोगों के साथ काम करना शुरू कर दिया है। सभी स्टेट वार रुम को केन्द्रीय वार रुम दिल्ली से जोड़ा गया है।

मीडिया पर बारीक नजर

गौरतलब है कि बीजेपी के मीडिया वॉर रूम में तमाम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय टीवी चैनल्स की बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी होती है। टीम के लोग डिजिटल मीडिया और सभी अखबारों की वेबसाइट पर भी बारीकी से नजर रखते हैं कि कौन सी खबर ट्रैक की जा रही हैं।  हर तरफ से फीडबैक के आधार पर ही बीजेपी की सोशल मीडिया टीम तय करती है कि किस मुद्दे को वायरल करने की कोशिश की जाए। साथ ही सोशल मीडिया पर विरोधी पक्ष के सवालों का क्या और किस तरह जवाब देना है, ये भी तय किया जाता है।  बीजेपी की सोशल मीडिया टीम की ओर से साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का महिमामंडन करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाती।

पीएम मोदी और अमित शाह तक पहुंचता है फीडबैक 

 सोशल मीडिया पर कौन से मुद्दे ट्रेंड हो रहे हैं और किसे कितना रिस्पॉन्स मिल रहा है, इसका इंस्टेंट फीडबैक प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं तक पहुंचाया जाता है। इसी फीड बैक के आधार पर पार्टी अपनी रणनीति बनाती है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपने भाषणों में नए मुद्दों को जगह देते हैं।

वार रुम का राज्यों में विकेंद्रीकरण

प्रत्येक राज्य में वॉर रूम के अलग-अलग पैमाने होंगे। वॉर रूम को सभी तरह की सुविधाओं से लैस किया गया है। सभी 500 शक्ति केंद्रों पर एक-एक कॉलिंग एजेंट होगा। एक शक्ति केंद्र 2 से 3 बूथ के लिए होगा।  'वॉर रूम' में वर्कस्टेशन बनाया गया है। लैपटॉप, कलर प्रिंटर, सर्वर रूम और 10 एमबीपीएस स्पीड के इंटरनेट की लीज लाइन की व्यवस्था की गई है। एक ट्रेनिंग रूम बनाया गया है, जिसे मीटिंग रूम के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा 'वॉर रूम' में प्रवेश के लिए बॉयोमीट्रिक प्रणाली लगाई गई है।  

स्टेट 'वॉर रूम' में मतदाताओं का डेटाबेस बनाया जाएगा। विशेष रूप से डिजाइन किए गए अभियान सामग्री को ईमेल और सोशल मीडिया के माध्यम के जरिए उन्हें वायरल किया जाएगा। 'वॉर रूम' का राज्यों में विकेंद्रीकरण किया गया है, ताकि राज्य के लिहाज से जमीनी स्तर की रणनीति बनाई जा सके। स्थानीय स्तर पर राजनीतिक माहौल को समझने और उनके मुताबिक प्लान बनाने के मद्देनजर कदम उठाया गया है। इसके अलावा प्रत्येक बूथ को ट्रैक किया जा सकेगा। वार रुम में हर राज्य के वैसे मुद्दे जो चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं का भी डेटाबेस तैयार किया जाएगा।


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